आऊत बाबा मन्दिर में हुआ जागरण, हवन, कीर्तन और भंडारे का आयोजन | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
- उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कृष्णपाल मलिक सहित राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक आदि क्षेत्रों से जुड़ी जानी-मानी हस्तियों ने की कार्यक्रम में शिरकत
- दशहरे के शुभ अवसर आयोजित माँ भगवती के जागरण की समाप्ति पर लगे विशाल भंड़ारे में दूर-दराज क्षेत्रों से आये हजारों श्रद्धालुओं ने किया प्रसाद ग्रहण
विवेक जैन
बागपत, उत्तर प्रदेश। बागपत के हजारों वर्ष प्राचीन आऊत बाबा खेड़का मन्दिर में दो दिनों से चल रहे धार्मिक कार्यक्रमों का आज विधि-विधान के साथ समापन हो गया। हर वर्ष की भॉंति इस वर्ष भी जेठ के दशहरे के शुभ अवसर पर मन्दिर प्रांगण में माँ भगवती के भव्य व विशाल जागरण का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कृष्णपाल मलिक सहित राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक आदि क्षेत्रों से जुड़ी जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की और धर्म लाभ उठाया।
सिसाना-बाघू स्थित इस हजारों वर्ष प्राचीन मन्दिर में जागरण के उपरान्त हवन व कीर्तन आयोजन किया गया और विशाल भंड़ारा लगाया गया। सुबह से शाम तक चले भण्ड़ारे में दूर-दराज क्षेत्रों से आये हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। भयंकर गर्मी के मध्यनजर श्रद्धालुओं की प्यास बुझाने के लिए ठंडे पानी के साथ-साथ गन्ने के रस की प्याऊ लगायी गयी थी। मन्दिर के गुरूजी बिजेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि आऊत बाबा का यह मन्दिर अत्यन्त प्राचीन और प्रसिद्ध मन्दिरों में शुमार है।
हर वर्ष देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालुगण बाबा के दरबार में आते है। बताया कि मंदिर में वर्षभर धार्मिक कार्यक्रम चलते रहते है। दीपावली और जेठ के दशहरे की यहाँ पर विशेष मान्यता है और इस समय यहाँ पर श्रद्धालुओं की भारी-भीड़ उमड़ती है। बताया कि मन्दिर को वर्तमान रूप देने में जौहरी व मिहीलाल के परिवारजनों सहित समस्त सहयोगकर्त्ताओं का वे हार्दिक आभार व्यक्त करते है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कृष्णपाल मलिक, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता विपुल जैन बागपत, मंदिर को वर्तमान स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले मिहीलाल के पौते और बूटा सिंह के पुत्र मदनलाल चंडीगढ़, संदीप चौहान, बबलू पंडित, फिरोज, विक्की, अनिल, गंगाराम सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
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