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हमारे ऊपर बुजुर्गों का साया है
हमने अपने जीवन में
सुख चैन रूपी बहुत
कुछ कमाया है
क्योंकि हमारे ऊपर
बुजुर्गों का साया है
हम सब को समस्याओं
से बचाया है
जीवन में पूरा परिवार
सुख चैन पाया है
जीवन में कभी ठोकर
नहीं खाया है
क्योंकि हमारे सिर पर
बुजुर्गों का साया है
समाज में सम्मान दिलाया है
जीने का तरीका सिखाया है
जिम्मेदार नागरिक का पाठ पढ़ाया है
क्योंकि हमारे ऊपर बुजुर्गों का साया है
कुछ बुजुर्गों की अजीब कहानी है
ना खाने को रोटी आंखों में बस पानी है
शरीर के हाथों हारे यह मन के जवान हैं
घर में बुजुर्गों जरूरी है क्योंकि ये भगवान है
-लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार कानूनी लेखक चिंतक कवि एडवोकेट किशन सनमुख दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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