पुलिस पर विवादित आराजी पर जबरदस्ती कब्जा कराने का आरोप | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
स्थगन आदेश को दरिकिनार करने पर पुलिस पर लग रहा प्रश्नचिन्ह
सुजानगंज,जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के सराय पड़री गांव में कतिपय लोगों द्वारा न्यायालय के स्थगन आदेश को चुनौती देते हुए पुलिसिया संरक्षण में विवादित आराजी पर कब्जा करने का मामला प्रकाश में आया है। इस सम्बन्ध में उक्त गांव निवासी पीडि़त सूबेदार मौर्य पुत्र राम बली मौर्य ने जिलाधिकारी को भेजे गए प्रार्थना पत्र में बताया है कि उक्त गांव की आराजी संख्या 792/ 0.344 हेक्टेयर का वह सह खातेदार है। चकबंदी बंदोबस्त में रकवा कम होने के कारण अपर जिलाधिकारी भू राजस्व के न्यायालय में एलआर, एक्ट की धारा 28 के तहत वाद संख्या आरएसटी 2139 / 2022 दाखिल किया गया है जो विचाराधीन है। विरोधियों द्वारा उक्त आराजी पर बा जबरिया लाठी डंडे के बल पर अवैध कब्जा करने का प्रयास किए जाने पर पीडि़त ने न्यायालय सिविल जज जूडिशियल की अदालत में वाद संख्या 1066/ 2004 रामबली बनाम विजय शंकर दाखिल किया है तथा उस पर न्यायालय द्वारा उभय पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने के लिए स्थगन आदेश दिया गया है। आरोप है कि उक्त स्थगन आदेश को ताक पर रख कर विपक्षी विजय शंकर, उमाशंकर, रामआसरे आदि द्वारा लाठी डंडे के बल पर उक्त विवादित आराजी पर कब्जा किया जाने लगा। जिसका विरोध करने पर विपक्षी आमादा फौजदारी करने के लिए तैयार है। सूबेदार मौर्य ने बताया कि इस बाबत जब थानाध्यक्ष सुजानगंज को तहरीर दी गई तो वह सुनवाई करने के बजाय प्रार्थी के साथ ही पुलिसिया भाषा का प्रयोग करने लगे। प्रार्थी द्वारा उपजिलाधिकारी बदलापुर को लिखित प्रार्थना पत्र देकर आराजी पर किए जा रहे अवैध कब्जे को रोकने की मांग की है। जिसकी सुनवाई करते हुए एसडीएम बदलापुर ने थानाध्यक्ष सुजानगंज को न्यायालय के स्थगन आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। सूबेदार का आरोप है कि विपक्षी विजय शंकर आदि सुजानगंज थाना पुलिस से सांठगांठ कर उक्त आराजी पर कब्जा करने का निरन्तर प्रयास कर रहे हैं। अभी बुधवार को शाम 7 से 8 बजे के बीच सुजानगंज की पुलिस फोर्स एवं तथाकथित राजस्व विभाग की मिलीभगत से स्थगन आदेश के बावजूद भी जबरजस्ती कब्जा दिलवाया जा रहा था जिसे रोका जाना अति आवश्यक है। इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर थानाध्यक्ष सुजानगंज ने बताया कि न्यायालय के स्थगन आदेश का अनुपालन करने का दोनों पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। यदि किसी भी पक्ष द्वारा न्यायालय के स्थगन आदेश का उलंघन किया गया तो उसके विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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