कश्मीर में आतंक का खात्मा करने में विफल सरकार:आलोक | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
धर्मापुर,जौनपुर। सपा नेता आलोक त्रिपाठी उर्फ लकी ने कहा कि पिछले 25 दिनों से कश्मीर घाटी में जो कुछ चल रहा है। वह सरकार के दावों की कलई खोल कर रख दिया। कश्मीर में टारगेट किलिंग का खुला खेल चल रहा है। समाज को शिक्षित कर रहे शिक्षिका रजनीबाला, लोगों के मददगार सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की गोली मारकर की गयी हत्या आतंकियों के बढ़े हौसले को बयां कर रहे हैं। सरकार के दावों को चुनौती दे रहे है। साथ ही इन आतंकी घटनाओं से कश्मीरी पंडितों को पलायन को विवश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2019 में धारा 370 हटने के बाद के कश्मीर की चर्चा में एक समृद्ध कश्मीर की कल्पना की गई थी। जहां न सिर्फ अमन चैन होगा बल्कि एक बड़े निवेश के साथ बेरोजगारी का खात्मा और खुशहाली का दौर होगा साथ ही विस्थापित कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास होगा। यही नहीं कोई भी भारतीय कश्मीर में जमीन लेकर प्रसन्नता पूर्वक रहेगा। पर आज की जो दशा है उसमें कश्मीरी लोगों को चुन चुन कर मारा जा रहा है। रही बात पुनर्वसन की तो उनका कहना है कि यह दौर शायद 1990 से भी खराब दौर है। क्योंकि 1990 में जिन कश्मीरी पंडितों ने हौसला दिखाया और कश्मीर नही छोड़ा अब वह हौसला टूटता हुआ नजर आ रहा है, और वे अब पलायित हो रहे है। सरकार धारा 370 समाप्त कर, विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त कर, और इनको केंद्र शाषित राज्य बनाकर सन्तुष्ट हो चुकी थी कि अब कश्मीर की समस्या का समाधान हो चुका है। कश्मीर की समस्या सीमापार आतंकवाद और सीमा के भीतर बैठे आतंकी है। जब तक इनका खात्मा नहीं होगा तबतक यह समस्या जस की तस बनी रहेगी। पर सरकार शायद पिछली सरकारों की कमियों को गिना कर अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री मान बैठी है। 1990 का दौर खौफ़नाक था, अब उसकी पुनरावृत्ति देखी नही जायेगी। अब 1990 से बहुत अच्छी परिस्थितियों के साथ हमारा शासन तंत्र काम कर रहे है। हमे कश्मीरियों के दर्द को समझते हुए कार्य करना पड़ेगा। कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है और इसकी सुरक्षा यहाँ के लोगो की सुरक्षा हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि सरकार को इस दिशा में भी काम करना चाहिए, ना कि छोटे प्रयासों पर अपनी पीठ को थपथपा ले।
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