गोवंश बीमार हो तो करायें तत्काल उपचार:डीएम | #NayaSaberaNetwork
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स्थायी व अस्थायी गोआश्रय स्थल प्रबंध समिति की हुई बैठक
जौनपुर। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता मंे मंगलवार को स्थायी व अस्थायी गोआश्रय स्थल के प्रबंधन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समीक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। डीएम द्वारा समस्त गोआश्रय स्थलों पर संरक्षित गोवंश का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया। उन्होंने निर्देशित किया कि यदि कोई भी गोवंश बीमार होता है, तो उसका उपचार तत्काल किया जाय एवं हरे चारे, चूनी-चोकर की व्यवस्था की जाय, यदि किसी भी चीज की कमी हो तत्काल अवगत कराया जाय जिससे की समय पर व्यवस्था दी जा सके। ग्रीष्म ऋतु मे पानी की व्यवस्था समस्त गोआश्रय स्थलो पर प्रचुर मात्रा मे की जाय। जिससे गोवंशों को पानी पीने में कमी न रहे। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रो मे जो भी गोवंश निराश्रित/छुट्टा गोवंश विचरण कर रहे है उनको तत्काल गोसंरक्षण केन्द्रो मे संरक्षित कराने हेतु अधिशासी अधिकारी नगर पालिका, नगरपंचायत, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम प्रधान, पशुचिकित्साधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी गोवंश को संरक्षित कराये, कोई भी गोवंश शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में न दिखाई पड़े। गौरतलब हो कि जिले मंे कुल 106 अस्थायी गोआश्रय स्थल है जिसमे कुल 11837 पशु संरक्षित किये जा चुके है। पंजीकृत गोआश्रय स्थल कुल 3 है जिसमे 375 पशु संरक्षित है। इस प्रकार कुल 12212 पशु संरक्षित किये जा चुके है। मुख्यमंत्री/बेसहारा सहभागिता योजनान्तर्गत द्वारा कुल 2120 पशु सुपर्द किये गये है। वर्षा ऋतु से गोआश्रय स्थलों पर जल भराव की स्थिति से निपटने के लिए रबिस एवं खड़ंजा का कार्य करा लिया जाय। जिससे कीचड़ मंे धसने से किसी गोवंश की हानि न हो। जिलाधिकारी ने भूसा दान की प्रगति की भी समीक्षा की, जिसमे मुख्य पशुचिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि 17408 कुंटल एवं 16666 कुंटल क्रय मे किया गया है। निर्देश दिया गया कि अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करके भूसा दान कराया जाय और लक्ष्य को शीघ्र पूर्ण कर लिया जाय। समस्त गोआश्रय स्थलों को चारागाह से लिंक कर दिया जाय एवं हरे चारे का उत्पादन किया जाय। जिससे गोवंश को हरा चारा उपलब्ध कराया जा सके। गोआश्रय स्थलो के लिए जमीन का चिन्हांकन किया गया है एवं हरा चारा बोया गया है। वृहद गोसंरक्षण केन्द्र के निर्माण की समीक्षा की गयी जिसमे वृहद गोसंरक्षण केन्द्र चोरसण्ड, मैनूद्दीनपुर, को माह जून मे पूर्ण कर हस्तगत करने हेतु कार्यदायी संस्था द्वारा मुख्य विकास अधिकारी को अवगत कराया गया। कार्यदायी संस्था मैनुद्दीनपुर को निर्देशित किया गया कि धनराशि की मांग कर लिया जाय। अस्थायी गोआश्रय स्थल विद्युत कनेक्शन के लिए तत्काल नियमित कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया जिसमे ग्राम पंचायत द्वारा आवेदन कर तत्काल कराने हेतु खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया एवं नोडल अधिकारी विद्युत वितरण को निर्देश दिया गया कि आवेदन पत्र प्राप्त कर कनेक्शन नियमित किया जाय। इसकी सूचना मुख्य पशुचिकित्साधिकारी के माध्यम से उपलब्ध करायी जाय। कुपोषित बच्चो के परिवार को गोवंश गोआश्रय स्थल से दूध देने वाली गाय को सुपुर्द किया जाय इसकी सूची बाल विकास अधिकारी से प्राप्त कर इच्छुक परिवार को गोवंश उपलब्ध कराया जाय। इसके आलावा विकास खण्ड मे 50-50 लाभार्थियों का चिन्हांकन कर गोवंश आश्रय स्थल से गोवंश की सुपुर्दगी करायी जाय। निर्मित गोआश्रय स्थल को 20 जून तक क्रियाशील कराये जाने हेतु खण्ड विकास अधिकारी एवं पशुचिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया। वृहद गोसंरक्षण केन्द्र धर्मापुर कृषक प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड के अनुबन्ध को वृहद गोसंरक्षण केन्द्र सरौनी पूरब पट्टी पर समिति के द्वारा संचालन मे विस्तार हेतु सहमति प्रकट की गयी और सुपुर्दगी के लिए चयनित लाभार्थियों की सूची को अनुमोदित किया गया।
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