घर बैठे अपडेट करायें आधार का मोबाइल नंबर:डाक अधीक्षक | #NayaSaberaNetwork
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5 साल तक के बच्चों का आधार बनाने का विशेष अभियान 16 जून से
ग्रामीण डाक सेवकों के माध्यम से 18 जून तक मिलेगी सुविधा
जौनपुर। अब 5 साल तक के बच्चों का आधार बनवाने और लोगों के मोबाइल को आधार से लिंक कराने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। स्कूल में बच्चों के एडमिशन से लेकर सामाजिक सुरक्षा डीबीटी योजनाओं का लाभ उठाने तक मोबाइल लिंक्ड आधार की अनिवार्यता होती है। ऐसे में अब अपने क्षेत्र के डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक के माध्यम से भी घर बैठे यह सुविधाएं ली जा सकती हैं। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव के निर्देश पर परिक्षेत्र के 6 जिलों वाराणसी, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर व बलिया में 16 से 18 जून तक इसके लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा। इससे ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में बहुत सहूलियत मिलेगी। इसके लिए लोग अपने स्थानीय डाकिया से संपर्क कर सकते हैं अथवा पोस्ट इन्फो मोबाइल एप के माध्यम से भी ऑनलाइन अनुरोध कर सकते हैं। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग द्वारा इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से अब सी.ई.एल.सी (चाइल्ड एनरोलमेंट लाइट क्लाइंट) सेवा के तहत 5 साल से कम उम्र के बच्चों का नया आधार भी नि:शुल्क बनवाया जा सकता है। बच्चों का आधार नामांकन केवल संबंध प्रमाण पत्र (पीओआर) की सहायता से किया जा सकता है। इसके लिए माता-पिता अपने आधार या अन्य किसी मान्य पहचान पत्र की सहायता से अपने बच्चे का आधार पंजीकरण नि:शुल्क करा सकते हैं। इसी प्रकार अब डाकिया के माध्यम से आधार में मोबाइल नंबर लिंक करने का कार्य मात्र 50 रूपये सभी कर सहित निर्धारित शुल्क देकर आसानी से कराया जा सकता है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सी.ई.एल.सी के माध्यम से वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक पोस्टमैनों द्वारा 7 लाख 28 हज़ार से ज्यादा लोगों के आधार में मोबाईल नंबर का संशोधन किया जा चुका है। इस सुविधा से ग्रामीणों को अब आधार में मोबाइल नंबर जुड़वाने या संशोधित करवाने के लिए शहर आने की आवश्यकता नहीं है। अधीक्षक डाकघर राममिलन ने बताया कि जनपद में विशेष अभियान के दौरान सभी डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों को पहल करके ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस सुविधा का लाभ पहुँचाने के निर्देश दिए गए हैं। जिले में अब तक पोस्टमैनों द्वारा 2 लाख 11 हज़ार से ज्यादा लोगों के आधार में मोबाईल नंबर का संशोधन किया जा चुका है।
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