बलवानी की खुली हिस्ट्रीशीट, पूरी उम्र देना पड़ेगा थाने में हाजिरी | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
जनपद समेत कई जिलों में दर्जन भर से अधिक मामले हैं दर्ज
जौनपुर। बीते 7 मई को उत्तर प्रदेश एसटीएफ के हत्थे चढ़ा दिलीप राय बलवानी की जिले की पुलिस ने पूरी जन्मकुण्डली खंगाल डाली है। पुलिस के अनुसार उसके ऊपर जौनपुर,लखनऊ और उरई जिले में एक दर्जन से अधिक मुकमदें दर्ज है। इसमें सबसे अधिक फ्रॉड और जालसाजी का मामला है। बलवानी के ऊपर आरोप है उसने नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगा है। जिसकी हिस्ट्रीशीट खुलती है जीवन भर रहती है। हिस्ट्रीशीटर अभियुक्त की निगरानी के लिए विशेष पुलिस टीम का गठन किया जाता है। हिस्ट्रीशीटर को गृह क्षेत्र के थाने में जाकर हाजिरी देनी पड़ती है। ऐसा भी होता है हिस्ट्रीशीटर दूसरे शहर में जाकर रह रहा हो तो उसके रिकार्ड को वहां भेजा जाता है ताकि उसकी गतिविधि पर वहीं निगाह रखी जा सके। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय साहनी द्वारा अपराध की रोकथाम एवं अपराधियों पर प्रभावी नियंत्रण रखने व जनपद में कानून, शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु जनपद जौनपुर, लखनऊ, उरई में पंजीकृत ठगी के मुकदमें से संबंधित सक्रिय अपराधी दिलीप राय बलवानी की निगरानी के लिए थाना सिकरारा पर हिस्ट्रीशीट खोलने की कार्रवाई की गयी। दिलीप राय बलवानी पुत्र श्यामबली निवासी ग्राम डमरु आ थाना सिकरारा सचिवालय में विभिन्न पदों पर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का काम करता है। इनके साथ इनका भाई मंजीत काफी समय से सैकड़ों लोगों से सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करके पैसा लेते हैं जिस लोगों द्वारा पैसा दिया जाता है तथा नौकरी दिलाने का ज्यादा दबाव बनाया जाता है तो फर्जी नियुक्ति पत्र दे देते हैं, इस तरह के काम में कई बार जेल जा चुके हैं, नियुक्ति पत्र मंजीत बनावाता है। दिलीप राय बलवानी फोटो एडिट कर बड़े-बड़े लोगों के साथ अपनी फोटो बनाते हैं जिसे दिखा कर अपना रु तबा तथा लोगों को वि·ाास दिलाकर ठगने का काम करते हैं, इनके द्वारा सैकड़ों लोगों के साथ ठगी का काम किया गया है। बीते 7 मई को एसटीएफ उत्तर प्रदेश द्वारा दिलीप राय को विभूति खंड थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। एसपी के अनुसार दिलीप राय बलवानी एक शातिर अभियुक्त हैं जिनके विरु द्ध दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे पंजीकृत हैं। थानाध्यक्ष सिकरारा द्वारा हिस्ट्रीशीटर की निगरानी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया है। जिस जिस थाने में मुकदमा पंजीकृत है रिकार्ड को वहां भेजा जा रहा है ताकि गतिविधि पर वहीं निगाह रखी जा सके।
No comments