बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो 2022 आत्मनिर्भर भारत की ओर | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
- हर सेक्टर में स्टार्टअप का इतिहास रचा जा रहा है-रोज़गार पाने से आगे बढ़कर अब फोकस रोजगार देने पर है
- भारत की बढ़ी युवा आबादी नई सोच, विचार के साथ जोखिम लेने में पीछे नहीं हट रही है - एड किशन भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तरपर भारत आज जिस तेजी के साथ प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है तो अब लगने लगा है सोच बदल रही है, देश बदल रहा है। पूरे विश्व की नजरें भारत की ओर लगी हुई है कि ऐसी क्या खासियत है? कि भारत हर क्षेत्र में दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार के साथ अपने लक्ष्यों को हासिल कर बुलंद हौसलों के साथ आगे बढ़ रहा है, जिसे देखकर पूर्ण विकसित देश भी हैरान हैं!! आज वैश्विक मंचों पर जिस प्रकार का रुतबा और प्रतिष्ठा भारत को मिल रही है उसे देखकर विशेषकर पड़ोसी और विस्तार वादी देश सकते में है!!और सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है?
साथियों शायद उन्हें यह मालूम नहीं कि हौसला-ए-विकास जिसके जज्बे में भरा हो तो आंधी तूफान तो क्या पहाड़ भी उसके रास्ते नहीं रोक सकते यही परिभाषा हमारे कुछल और सटीक नेतृत्व की है जिसके बल पर भारत आज वैश्विक प्रशंसा के झंडे गाड़ रहे है!! हर सेक्टर में स्टार्टअप इतिहास रच रहा है। रोजगार पाने से आगे बढ़कर अब फोकस रोजगार देने पर है!! भारत की बड़ी युवा आबादी नई सोच विचार के साथ जोखिम लेने में पीछे नहीं हट रही है।
साथियों बात अगर हम दिनांक 9 जून 2022 को शुरू हुए बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो 2022 की करें तो यह दो दिवसीय एक्सपो 9 और 10 जून 2022 तक बहुत सफलता और प्रतिष्ठा के साथ चला। इस एक्सपो का आयोजन जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद द्वारा किया गया था। इस परिषद की स्थापना के 10 साल पूरे होने के मौके पर यह आयोजन किया गया है। इस एक्सपो में लगभग 300 स्टॉल लगाई गई थी। इनमें हेल्थकेयर, बायोफार्मा, क्लीन एनर्जी, कृषि, जिनोमिक्स, औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी आदि सेक्टर्स में जैव प्रौद्योगिकी के उपयोग को दर्शाया गया है। इस बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो की थीम बायोटेक स्टार्टअप इनोवेशन-आत्मनिर्भर भारत की ओर' थी। इस एक्सपो से निवेशकों, वैज्ञानिकों, निर्माताओं, शोधकर्ताओं, सरकारी अधिकारियों और नेताओं को एक मंच पर आने का मौका मिला।
साथियों बात अगर हम बायोटेक को समझनेकी करें तो बायोटेक्नो लॉजी को आमतौर पर बायोटेक के नाम से जाना जाता है, या फिर इसे जैवविज्ञान और तकनीकी विकास कहा जाता है। बायोटेक्नोलॉजी का प्रयोग विभिन्न वैक्सीनों, मेडिसिन और डायग्नॉस्टिक, एनर्जी प्रोडक्शन को बढ़ावा देना होता है। भारत में बायोटेक्नोलॉजी ने काफी महत्वपूर्ण जगह बना ली है, इस फील्ड के तहत सभी संभावित फ़ील्ड्स जैसे कि फार्मास्यूटिकलस, फूड निर्माण, हैल्थ केयर, एग्रीकल्चर, एजुकेशन और रिसर्च से संबद्ध कार्य शामिल हो गये हैं. बायोटेक्नोलॉजी से ही जैविक हथियारों का उत्पादन भी किया जाता है। भारत अब बायोटेक के ग्लोबल इकोसिस्टम में टॉप-10 देशों की लीग में पहुंचने से भी ज्यादा दूर नहीं हैं।
साथियों बात अगर हम देश में स्टार्टअप की शुरुआत की करें तो, देश में स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत 2016 में हुई. इस स्कीम के तहत भारत ना केवल स्टार्ट-अप युग की ओर बढ़ रहा है, बल्कि स्टार्ट-अप सेक्टर में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। भारत इस समय दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। देश में 73.2 अरब अमेरिकी डॉलर के 70 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। भारत के 70 से ज्यादा स्टार्टअप का यूनिकॉर्न की श्रेणी में आना बहुत अच्छी खबर है, ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि ये स्टार्टअप का युग भारत में कैसे आया और कैसे 70 से ज्यादा स्टार्ट-अप एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन को पार कर गए हैं। सरकार की स्कीम ने भी इसमें बड़ी हिस्सेदारी निभाई है, स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत देश में 59 हजार से ज्यादा लोग अपना स्टार्टअप खोल चुके हैं।
साथियों बात अगर हम बायोटेक क्षेत्र की सफलता की करें तो पीएम ने इसके 5 कारण गिनाए भारत। पहला- विविध जनसंख्या और विविध जलवायु क्षेत्र; दूसरा भारत का प्रतिभाशाली मानव पूंजी पूल, तीसरा - भारत में व्यापार करने में आसानी के लिए बढ़ते प्रयास; चौथा - भारत में बायो-प्रोडक्ट्स की मांग लगातार बढ़ रही है, और पांचवां- भारत का बायोटेक सेक्टर जो इसकी सफलताओं का ट्रैक रिकॉर्ड है।
साथियों बात अगर हम बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो 2022 की थीम की करें तो, इस एक्सपो की थीम 'बायोटेक स्टार्टअप नवोन्मेष: आत्मनिर्भर भारत की ओर' रखी गई है। यह दो दिवसीय आयोज…
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