ट्यूबेल कर्मचारियों की मनमानी से किसान परेशान | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
क्षेत्र के 142 ट्यूबेल पम्प में से 50 पम्प हैं खराब
केराकत,जौनपुर। केंद्र सरकार व राज्य सरकार देश व प्रदेश भर के किसानों की आयु दोगुनी करने के साथ साथ अन्य लाभकारी योजनाएं चलाकर प्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने का प्रयास कर रही है। ऐसे में स्थानीय अधिकारी व कर्मचारी सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओं का पलीता लगाने पर तुले हुए है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जहां सिंचाई के समय अक्सर किसी न किसी कारण वश ट्यूबेल पम्प खराब ही दिखाई नजर आता। जी हांं हम बात कर रहे हैं केराकत तहसील क्षेत्र की जहां पर ट्यूबेल कर्मचारियों की मनमानी से क्षेत्र के किसान अक्सर परेशान नजर आते हैं सिंचाई के अभाव में कई बीघे की फसलें खराब हो जाती है। सिंचाई के वक्त खराब पड़े ट्यूबेल पम्प की खबर मीडिया की सुर्खियां भी बनती है। बजाय इसके भी ट्यूबेल कर्मचारियों की मनमानी रु कने का नाम नहीं लेती है जब इस फर्जीगिरी की पड़ताल ट्यूबेल कार्यालय केराकत से की गई तो आंखे खुली की खुली रह गईं। कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार केराकत तहसील में 142 ट्यूबेल पम्प लगे हुए है जिनमें 5 ट्यूबेल पम्प बिजली ट्रांसफार्मर के कारण बंद पड़े हैं तो 45 ट्यूबेल पम्प टेक्निकल खराबी के चलते बंद पड़े हुए है। अब सवाल यह उठता है कि इतनी तादात में ट्यूबेल खराब होने के बावजूद भी अधिकारी व कर्मचारी आफिस में आराम फरमा रहे हैं? गनीमत ये है की अभी खेती का काम कम है मगर दो महीने बाद धान की रोपाई होनी है ऐसे में अगर समय से ट्यूबेल पम्प को ठीक नहीं किया गया तो बड़ी तादात में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ट¬ूबेल कब और कैसे खराब हुए इसे सही कराया जायेगा या नहीं ये तो विभाग के जिम्मेदार ही बता सकते हैं।
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