रक्सौल एयरपोर्ट के संचालन के संबंध में प्रगति की अद्यतन जानकारी शीघ्र होगी उपलब्ध | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम 'उड़ान' के तहत रक्सौल हवाईअड्डे को ऑपरेशनल बनाये जाने को लेकर बीते 17 मई को एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (कॉर्पोरेट मुख्यालय) के पब्लिक ग्रीवांस ऑफिसर ने एएआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर से इस मामले को देखने और मुख्यालय को सूचित करते हुए डॉ. स्वयंभू शलभ को इस मामले में प्रगति की विधिवत जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। यह जानकारी एएआई के पीजी ऑफिसर के द्वारा मेल के जरिये डॉ. शलभ को दी गई है।
विदित है कि डॉ. शलभ ने राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से इस एयरपोर्ट को अति महत्वपूर्ण बताते हुए इसे शीघ्र फंक्शनल बनाये जाने की अपील पीएमओ और एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया से की थी। डॉ. शलभ की अपील के आलोक में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा अब तक तीन बार इस एयरपोर्ट की स्टेटस रिपोर्ट पीएमओ को सौंपी जा चुकी है। नागर विमानन मंत्रालय (भारत सरकार) के राज्यमंत्री जनरल डॉ. वी. के. सिंह भी डॉ. शलभ को भेजे अपने मेल संदेश में इस हवाई अड्डे को लेकर सकारात्मक संकेत दे चुके हैं। इसे पूरे मामले को डॉ. शलभ द्वारा केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संज्ञान में भी दिया जा चुका है।
इस कड़ी में 'पीएम पैकेज बिहार- 2015' में आबंटित 250 करोड़ की राशि का उपयोग रक्सौल एयरपोर्ट के विकास में किये जाने और एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 121 एकड़ की अतिरिक्त भूमि के आबंटन की मांग जो बिहार सरकार से की गई उसे यथाशीघ्र उपलब्ध कराये जाने हेतु डॉ. शलभ ने माननीय मुख्यमंत्री के साथ लगातार पत्राचार किया है जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा क्रमशः गृह सचिव, कैबिनेट सचिव, मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव (संसदीय कार्य) को भेजा जा चुका है।
इस विषय में डॉ. शलभ ने कहा कि रक्सौल में एयरपोर्ट की अनिवार्यता काफी समय से बनी हुई है। भारत नेपाल के इस सीमा द्वार पर स्थित इस क्षेत्र में व्यवसायिक रूप से भी एयरपोर्ट की असीम संभावनाएं हैं। वर्षों से बंद पड़े इस एयरपोर्ट को एयरलाइन हब के रूप में विकसित करके घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का प्रमुख केंद्र बनाया जा सकता है। आने वाले समय में यह एयरपोर्ट राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से देश का सशक्त प्रहरी बनेगा और सीमा क्षेत्र के विकास में एक नई इबारत लिखेगा।
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