बच्चों का नामांकन कराने में प्रदेश में जौनपुर रहा दूसरे स्थान पर | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
पहली बार एडीबेसिक, बीएसए ने खुद संभाली थी कमान
बीएसए के नेतृत्व में यह लक्ष्य हासिल करने का मिला गौरव
हिम्मत बहादुर सिंह
जौनपुर। प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के नामांकन संख्या बढ़ाने में वाराणसी पहले स्थान पर है तो जौनपुर प्रदेश में दूसरे स्थान पर होने का गौरव हासिल किया है। सिकरारा ब्लॉक जनपद में पहले स्थान पर है। सिकरारा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय के बनसफा के रीठी गांव में डोर टू डोर नामांकन की शुरूआत की गई थी। इसकीक पहल खंड शिक्षाधिकारी राजीव यादव ने सिकरारा से कराई थी जिसे जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने पूरे जनपद में डोर टू डोर नामांकन का अभियान शुरू कराया था। और प्रत्येक ब्लॉक में बीएसए खुद जाकर डोर टू डोर शिक्षकों के साथ जाकर नामांकन का कार्य भी किया था। यह सारा कार्य बीएसए के नेतृत्व में जनपद में बेहतर ढंग से संचालित हुआ जिसका परिणाम रहा कि जनपद इस कार्य में पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा। ज्ञातव्य हो कि प्राथमिक शिक्षा को गुणवत्तायुक्त और बेहतर बनाने और अधिक से अधिक बच्चों का दाखिला कराने का लक्ष्य शासन से जो लक्ष्य रखा गया था उसमें जौनपुर मंडल में अग्रणी है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में नवीन नामांकन का जो लक्ष्य रखा गया था वह 94813 था जिसमें जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डॉ.गोरखनाथ पटेल के नेतृत्व में शिक्षकों ने 107871 बच्चों का नामांकन कराकर लक्ष्य से अधिक कार्य करने का गौरव हासिल किया है यह लगभग 113.77 प्रतिशत हुआ है। यह आंकड़ा 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक का है। गौरतलब हो कि शिक्षा महकमें ने सभी 75 जिलों में बच्चों के नामांकन का लक्ष्य रखा था। जनपद में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डॉ.गोरखनाथ पटेल के नेतृत्व में शिक्षकों की टीम ने कड़ी मेहनत करके लक्ष्य से अधिक नामांकन कराने का जो कार्य हासिल किया है इससे शिक्षा महकमा में एक नया संदेश गया है। बताते चलें कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार नया सत्र अप्रैल महीने में बच्चों के नामांकन की संख्या बढ़ाने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ.गोरखनाथ पटेल ही नहीं एडीबेसिक शिक्षाधिकारी अवध किशोर सिंह भी सिकरारा ब्लॉक के कई गांव में जाकर बच्चों के नामांकन करने का कार्य शिक्षकों के साथ करते नजर आये। अभी तक तो यह परंपरा था कि नया सत्र शुरू होने पर जिला मुख्यालय सहित हर ब्लॉकों में स्कूल चलो रैली निकाल कर खानापूर्ति हो जाती थी लेकिन योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में प्राथमिक शिक्षा पर जिस तरह का शासन प्रशासन का फोकस है उससे यह जाहिर होता है कि प्राथमिक शिक्षा की नींव को काफी मजबूत बनाने की दिशा में कार्य चल रहा है। पहली बार शिक्षकों के साथ शिक्षा महकमें के अधिकारी भी बच्चों के नामांकन को बढ़ाने के लिए कमान संभालकर गांव गांव की खाक छानते रहे। यही नहीं पहली बार अधिकारियों और शिक्षकों की टीम ईंट भठ्ठे पर काम करने वाले बच्चों को भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करने का कार्य दिखा। अगर इस तरह की जागरूकता शिक्षा महकमें द्वारा लगातार चलती रही तो आने वाले समय में देश के कर्णधारों क ा भविष्य बेहतर होना तय है। शासन द्वारा प्राथमिक शिक्षा ही नहीं माध्यमिक शिक्षा को भी बेहतर बनाने की दिशा में कार्य चल रहा है। खाली पदों को भरने के लिए भी युद्ध स्तर पर कार्य चल रहे हैं।
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