सकारात्मक खबरें पाठकों की होती हैं पहली पसंद: प्रो.प्रमोद | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
पत्रकारिता समाज के हित के लिए होनी चाहिए:कुलपति
डिजिटल युग में भी प्रिंट मीडिया की बनी रहेगी साख:डॉ.मनोज
पत्रकारिता दिवस पर पीयू में वेबिनार का किया गयाआयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस-अनुवाद, भारतीय भाषा,संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ की ओर से हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सोमवार को ''हिंदी पत्रकारिता की नवीन प्रवृत्तियां'' विषयक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पाठ्यक्रम निदेशक एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता, भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी),नई दिल्ली के प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि सकारात्मक और समाज में बदलाव से जुड़ी खबरें पाठकों द्वारा खूब पसंद की जा रही हैं। डिजिटल हो चुकी हिंदी पत्रकारिता ने सकारात्मक खबरों के माध्यम से पाठकों एवं दशर््ाकों का एक बड़ा वर्ग तैयार किया है। उन्होंने मीडिया में सकारात्मक खबरों की वकालत की। कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी देश और समाज में बदलाव लाने वाली खबरों को प्रमुखता देने की बात कही थी। बतौर अध्यक्ष कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि पत्रकारिता समाज हित के लिए होनी चाहिए। इसका सामाजिक सरोकार जरूरी है, तभी इसका लाभ देश को मिल सकेगा। पौराणिक और कलयुगी पत्रकारिता का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता से पहले की पत्रकारिता का रूप साहित्यिक था, बाद में यह विधा नई परिधि के रूप में बदली और बहुआयामी हो गई। समय के साथ- साथ इसके प्रतिमान भी बदले। पत्रकारिता में सनसनी फैलाने का ट्रेंड चल रहा है इस पर विचार करने की जरूरत है। तकनीक के साथ-साथ समाचार पत्रों की डिजाइन और रूप सज्जा भी बदली है जो पाठकों को आकर्षित कर रही है। वरिष्ठ पत्रकार हेमंत तिवारी ने कहा कि एक तरफ हिंदी पत्रकारिता का विस्तार हुआ है तो दूसरी तरफ उसकी भाषा में संक्रमण हुआ है। उन्होंने कहा कि आज भी अधिकतर चैनल हिंदी के ही हैं इनकी अपनी अलग-अलग भाषा हो गई है। सोशल मीडिया की भाषा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इसका कोई नियमन नहीं। विशिष्ट अतिथि उप निदेशक सूचना,राजभवन,उत्तराखंड डॉ नितिन उपाध्याय ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता को जनभाषा से अलग नहीं किया जा सकता है। अखबारों का क्षेत्रीयकरण पाठक को कई बड़ी खबरों से दूर ले जा रहा है। इसका कारण अधिक से अधिक संस्करण निकलना है। वेबिनार के संयोजक और जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने अतिथियों का स्वागत और विषय प्रवर्तन किया। संचालन डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर और धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रो.अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय द्विवेदी, डॉ. रसिकेश, डॉ राकेश यादव, डॉ. जगदेव, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ चंदन सिंह,अन्नू त्यागी, डॉ तरु णा गौर, रेनू तिवारी, वि·ाप्रकाश श्रीवास्तव आदि शिक्षक और विद्यार्थी शामिल थे। जलालपुर संवाददाता के अनुसार आइडियल जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित ''पत्रकारिता दिवस'' के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल वि·ाविद्यालय पत्रकारिता संस्थान के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्रा ने अपने उदबोधन में कहा कि- हालांकि वर्तमान समय में पत्रकारिता का डिजिटलाइजेशन हो गया है और सारी चीजें लगभग मोबाइल में केंद्रित हो गई है, चाहे वह न्यूज़पेपर हो, न्यूज़ चैनल हो न्यूज़ पोर्टल हो या यूट्यूब हो। बावजूद इसके प्रिंट मीडिया यानी समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं का महत्व आज भी उतना ही है जितना कि वर्षों पहले था और इसका महत्व भविष्य में भी बना रहेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्वांचल वि·ाविद्यालय के विधि विभाग के पूर्व डीन डॉ. पीसी वि·ाकर्मा ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता को स्थापित करने के लिए भारत में प्रथम अंक निकालने वाले उदंत मार्तंड के संपादक स्वर्गीय पं.युवक जुगल किशोर शुक्ल ने अपने समाचार पत्र में हिंदी को प्राथमिकता के साथ रखा। तब से लेकर अब तक हिंदी अखबारों में हिंदी के कई तमाम ऐसे नए नए शब्द आ गए हैं जिनसे हिंदी पत्रकारिता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। उन्होंने बताया कि शब्दों का चयन करते समय पत्रकारों को विशेष ध्यान देना चाहिए। विशिष्ट अतिथि के रूप में मोहम्मद हसन डिग्री कॉलेज के पत्रकारिता संस्थान के अध्यक्ष एवं इजा के रा.संरक्षक डॉ श्याम नारायण पांडे ने हिंदी पत्रकारिता का इतिहास और उसके महत्व पर विस्तृत चर्चा किया और पत्रकारिता करने के कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए। जिसे पत्रकारों ने करतल ध्वनि से अभिवादन करते हुए स्वीकार किया। आजमगढ़ से पधारे इजा के राष्ट्रीय महासचिव एवं वरिष्ठ साहित्यकार संजय पांडेय ने पत्रकारिता के महत्व विकास एवं पत्रकारों के हितार्थ किए गए कार्यों पर चर्चा किया। इजा के प्रांतीय सचिव डॉक्टर बृजेश यदुवंशी ने पत्रकारिता की वर्तमान विषम परिस्थितियों पर व्यापक रूप से चर्चा किया तथा मार्गदर्शन दिया। मंचासीन इ जा के राष्ट्रीय संरक्षक डॉक्टर सीडी सिंह, राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर आरपी विश्वकर्मा, दिल्ली प्रदेश इकाई सचिव डॉ राजेश जैन, आइडियल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रमोद वाचस्पति तथा वरिष्ठ पत्रकार प्रेम शंकर गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में मंचासीन अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का उद्घाटन किया। जिसके बाद आए हुए अतिथियों का कार्यक्रम के आयोजक एजाज अहमद सचिव जिला इकाई एवं केराकत तहसील अध्यक्ष रतन लाल मौर्या ने माल्यार्पण करके स्वागत किया और अंगवस्त्रम तथा स्मृति चिन्ह देकर सभी को सम्मानित किया। जौनपुर महिला जिला इकाई अध्यक्ष श्रीमती अंजू पाठक एवं महासचिव श्रीमती चमन जैन तहसील शाहगंज महिला इकाई अध्यक्ष श्रीमती रेशमा प्रजापति व मुंगना देवी समाज सेविका की उपस्थिति सराहनीय रही। इस मौके पर वि·ा प्रकाश श्रीवास्तव, सुशील कुमार स्वामी, वीरेंद्र कुमार गुप्ता संपादक, विजय कुमार पटेल ,जय कुमार पटेल, डॉ सूर्य बली पाल अध्यक्ष मछली शहर, ओम प्रकाश गुप्ता अध्यक्ष शाहगंज ,शैलेश तिवारी अध्यक्ष मडि़याहूं ,कृष्ण कुमार बिंद अध्यक्ष तहसील सदर, राज कमल मिश्रा अध्यक्ष बदलापुर, कार्यक्रम व्यवस्थापक रतनलाल मौर्य, संस्था के पदाधिकारी गिरजाशंकर मिश्र,विजय कुमार अग्रवाल ,मार्कंडेय तिवारी, अंसार अहमद खान जय प्रकाश पटेल, विजय कुमार पटेल, रामाज्ञा यादव, गुलज़ार अली, मोहम्मद सलीम, राजेश सिंह, विनय सिंह, भुल्लन भारती, शाहिद, अनिल कुमार, अर्जुन गुप्ता, विशाल अग्रहरि, राजन अग्रहरि, विजय प्रजापति आदि उपस्थ्ति रहे। कार्यक्रम का संचालन आयोजक जिला सचिव एजाज अहमद द्वारा किया गया।
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