पानी नहीं केवल स्तनपान अभियान का हुआ शुभारंभ | #NayaSaberaNetwork
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दो ब्लॉक के गांवों में बताया गया स्तनपान का महत्व
शुरु आत के छह महीने शिशु को केवल कराएं स्तनपान
जौनपुर। जलालपुर ब्लॉक के नेवादा गांव में, सिरकोनी ब्लॉक के सादीपुर तथा सादातमसौड़ा गांव में बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) मनोज कुमार वर्मा ने "" पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान "" कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके तहत उन्होंने धात्री महिलाओं को स्तनपान कराने के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। बताया कि शुरु आत के छह महीने शिशु को केवल और केवल स्तनपान कराना चाहिए। इस दौरान पानी भी नहीं देना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा बार स्तनपान कराना चाहिए। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आरबी सिंह ने बताया कि जनपद में "" पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान "" अभियान शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि मां का दूध अमृत के समान होता है। शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जरूरी है कि जन्म के एक घंटे के अंदर शिशु का स्तनपान शुरू करा दिया जाए। छह माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान ही कराना चाहिए। शिशु की छह माह की आयु तक केवल स्तनपान उसके जीवन की रक्षा के लिए आवश्यक है। समाज में प्रचलित मान्यताओं और मिथकों के कारण छह माह तक " केवल स्तनपान " सुनिश्चित नहीं हो पाता है। परिवार के लोग शिशु को घुट्टी, शहद, चीनी का घोल, पानी आदि का सेवन करा देते हैं। इससे शिशुओं में कई प्रकार के संक्रमण हो जाते हैं जो उसके स्वस्थ जीवन के लिए घातक सिद्ध होते हैं। शिशु के प्यासा रहने की आशंका में उसे पानी देने का प्रचलन गर्मियों में बढ़ जाता है। मां के दूध में अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में होता है। शिशु की पानी की आवश्यकता केवल स्तनपान से ही पूरी हो जाती है। अतरू शिशु को छह माह तक ऊपर से पानी देने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती है। ऊपर से पानी देने से शिशुओं में संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है। गर्मी में शिशुओं में केवल स्तनपान संबंधी व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए 10 मई से 30 जून तक सभी कनवर्जेंस विभागों, जनप्रतिनिधियों तथा डेवलपमेंट पार्टनर्स के सहयोग से "" पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान "" चलाया जा रहा है। इससे "" केवल स्तनपान "" की दर में वृद्धि होने के अपेक्षित परिणाम प्राप्त होने के साथ ही शिशु मृत्यु दर में भी सुधार लाया जा सकता है। अभियान के तहत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग विभिन्न बैठकों में अभियान की कार्य योजना बनाएगा, रैली करवाएगा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रैली, दीवार लेखन और परामशर््ा देंगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग संस्थागत प्रसव के प्रत्येक मामले में शिशु जन्म के बाद लाभार्थी परिवार को केवल स्तनपान पर अनिवार्य परामशर््ा देगा। आशा कार्यकर्ता दीवार लेखन आदि के माध्यम से अधिक से अधिक लाभार्थी परिवारों तक परामशर््ा देने का प्रयास करेंगी। ग्राम विकास विभाग स्वयं सहायता समूह की मासिक बैठकों में अभियान के संदेशों को प्रचारित करेगा। पंचायती राज विभाग लक्षित लाभार्थियों के यहां गृह भ्रमण कराकर अभियान के संदेशों का प्रचार-प्रसार कराएगा। बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग सरकारी एवं अनुदानित विद्यालयों में अध्यापकों द्वारा अभियान के संदेशों को विद्यार्थियों के माध्यम से प्रचारित कराएगा। खाद्य एवं रसद विभाग कोटेदारों के सहयोग से अभियान के संदेशों का प्रचार-प्रसार तथा लक्षित लाभार्थियों को परामर्श देगा। डेवलपमेंट पार्टनर्स चिह्नित कार्य क्षेत्र में आईसीडीएस को प्रचार-प्रसार में सहयोग देंगे। सूचना, शिक्षा तथा संचार माध्यमों के प्रयोग से अभियान में सहभागी बनेंगे।
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