डिप्रेशन भी दांतों पर डालता है गहरा असर: डॉ.जैद | #NayaSaberaNetwork
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मुंह मे बार बार छाला दिखे तो न करें अंदाज
मसूड़े से खून आना हार्मोन असंतुलन का है संकेत
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खेतासराय,जौनपुर। आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में तनाव यानी डिप्रेशन एक आम समस्या की तरह है। इसके दुश्प्रभाव से दिमाग सम्बन्धी बीमारी, नींद न आना, बालों का झड़ना सहित अन्य बीमारियों का खतरा बना रहता है। वहीं तनाव की वजह से आपके दांतों पर भी गहरा असर पड़ता है। दांत को किटिकटाना, या चबाने जैसी हरकतें करना एक गम्भीर बीमारी है जो कि ब्राूक्सिस्म के लक्षण हैं। खास बात यह है कि मरीजों को पता भी नहीं चलता कि नींद में दांत किटिकटाने की वजह से रोगी को इस बात की जानकारी नही हो पाती और एक दिन जब दांत टूटना शुरू हो जाते है या चेहरे पर सूजन आ जाता है तब तक ब्राूक्सिस्म बीमारी से चपेट में आ चुके होते है। उक्त बातें हबीब हॉस्पिटल के मुख एवं दन्त रोग विशेषज्ञ डॉ ज़ैद खान ने शनिवार को अपने चेम्बर में पत्रकारों से खास बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को नाइट गार्ड आक्लूमजल स्प्लिंट के प्रयोग से रात में दांतो का किटिकटाना बंद किया जा सकता है। बार बार मुंह के छाले के बाबत डॉ खान ने कहा कि इसे नजरअंदाज कतई न करें, चिकित्सक से जरूर परामशर््ा लें। मुंह के छाले लगातार हो रहे हों, इनमें दर्द या गांठ हो, दाँत कमजोर हो रहे हो यह मुंह का कैंसर भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि मसूड़ो से खून बहना हार्मोन्स के असन्तुलित हो जाने का संकेत है। ब्राश करते समय मसूड़ों से खून आना, सूजन होना इसका मतलब है आपके हार्मोन्स संतुलित नही है। बढ़ते उम्र के साथ साथ प्रेगनेंसी, मेनोपॉज महिलाओं में देखने को मिलती है। एक प्रश्न के उत्तर में डॉ ज़ैद ने कहा कि दांतो की जड़ो से शुरू होता है संक्रमण। दांत की जड़ों के ऊपरी भाग में होने वाले संक्रमण से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह इंफेक्शन बहुत ही सामान्य और लक्षणरहित होता है।
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