कमला मिल अग्निकांड के दोषी इंजीनियरों को तत्काल निलंबित करें आयुक्त – विनोद मिश्र | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका के पूर्व भाजपा गट नेता विनोद मिश्र ने महापालिका आयुक्त इकबाल चहल को पत्र लिखकर कमला मिल अग्निकांड की जांच में दोषी पाए गए इंजीनियरों को तत्काल सेवा से हटाने की मांग की है। आयुक्त को लिखे पत्र में श्री मिश्र ने लिखा है कि कोविड-19 महामारी से संघर्ष के दौरान कर्मचारियों की कमी का हवाला देकर बहाल किए गए आरोपित/दंडित इजीनियरों को अब स्थिति सामान्य होने पर निलंबित करने व सेवा से हटाने का आदेश दिए जाने के बावजूद भ्रष्टाचार कर सेवा में रेग्युलर करने का प्रयास हो रहा है। विनोद मिश्र ने मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल (आईएएस) को पत्र लिखकर आगाह कर दिया है कि दो साल पहले तात्कालिक आयुक्त प्रवीण परदेशी ने अप्रैल’2020 में इसलिए निलंबित इंजीनियरों को बहाल करने के आदेश जारी किए थे क्योंकि प्रशासन कोविड-19 महामारी से निपटने के दौरान स्टाफ की कमी का सामना कर रहा था। इन इंजीनियरों की ड्यूटी क्वारंटाइन सेंटरों और कोविड अस्पतालों में ड्यूटी दी जानी थी और उनका निलंबन केवल अस्थायी रूप से वापस लिया गया था। परंतु इसकी आड़ में प्रशासन ने कमला मिल अग्निकांड की जांच में दोषी और जिन्हें सेवा से हटाने का आदेश दिया गया था, उन्हें भी बहाल किया। लेकिन अब जबकि भारत सरकार ने गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कोविड रोकथाम उपायों के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों को रद्द कर दिया है और स्थिति सामान्य हो चुकी है तथा इन दागी कर्मचारियों को सेवा से हटाने का आदेश दिया जा चुका है पर इन दोषियों को हटाने की बजाए भ्रष्टाचार कर सेवा में रेग्युलर करने का प्रयास हो रहा है।जैसा कि आप जानते हैं कमला मिलों की आग में बीएमसी की विभागीय जांच (डीई) में दोषी पाए गए सहायक अभियंता एमजी शेलार और कनिष्ठ अभियंता धर्मराज शिंदे को सेवा में बहाल कर दिया था। इन्हें दुर्भावनापूर्ण इरादे से मिलीभगत और कार्रवाई करने में विफलता का दोषी बताते हुए आपराधिक लापरवाही व कर्तव्य की उपेक्षा का जिम्मेदार ठहराया गया था। बीएमसी ने उप-अभियंता दिनेश महाले को भी बहाल किया था, जो डीई में दोषी पाए गए थे और वेतन में भारी कमी के साथ दंडित किया गया था।दिसंबर 2017 में एक रेस्टोरेंट और मोजो के बिस्ट्रो रूफटॉप रेस्तरां में भीषण आग लगने के एक दिन बाद तीनों को निलंबित कर दिया गया था, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी। डीई की रिपोर्ट में कहा गया था कि अधिकारियों की ओर से गंभीर लापरवाही और मिलीभगत थी। तत्कालीन बीएमसी प्रमुख अजय मेहता ने आदेश दिया था कि शेलार और शाइन को 'नगरपालिका सेवा से हटा दिया जाना चाहिए।'अब जहां डीएम एक्ट निरस्त होने के बाद इन इंजीनियरों को सेवा से हटाया देना चाहिए और उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया को तेज किया जाना चाहिए, मेरी जानकारी के मुताबिक बड़े पदों पर नजर गड़ाए इन इंजीनियरों को रेग्युलर करने की चाल चली जा रही है और सत्ता से जुड़े बड़े भ्रष्ट नेता इसकी सौदेबाजी का काम कर रहे हैं। खबर है कि प्लम पोस्टिंग पाने के लिए मोटी रकम का लेन-देन हुआ है। विनोद मिश्र ने कहा कि उन्होंने आयुक्त महोदय को साफ कर दिया है कि अगर मेरे पत्र पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई और उचित कदम न लिए गए तो मुझे अन्य कानूनी सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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