कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच द्वारा हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर कवि सम्मेलन | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
मुंबई। साहित्य,समाज,संस्कृति और परंपरा को समेटे हुए साथ ही सामाजिक इष्ट देव श्रीराम भक्त हनुमान जी जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ के तत्वधान में वार्षिक कवि सम्मेलन का भव्य कार्यक्रम शनिवार दिनांक 16 अप्रैल 20200को संपन्न हुआ।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील दत्त मिश्रा (फिल्म निर्माता,निर्देशक, गीतकार, संगीतकार, कवि एवं लेखक ),विशिष्ट अतिथि डॉक्टर डी०पी० देशमुख (पूर्व जनसंपर्क अधिकारी कला बिरादरी के अध्यक्ष ) एवं राम कुमार श्रीवास (दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर ), राम रतन श्रीवास "राधे राधे" की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ । कार्यक्रम का संचालन इस मंच के महासचिव डॉक्टर हितेंद्र कुमार श्रीवास एवं तुलेश्वर कुमार सेन के द्वारा किया गया। प्रारंभ में दीप प्रज्वलित के साथ मांँ सरस्वती की वंदना से प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रबुद्ध साहित्यकारों ने अपनी काव्यांजलि प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि ने उद्बोधन में कहा यह साहित्यिक मंच का वार्षिक कवि संगम का अद्भुत नजारा है मैं सभी पदाधिकारियों का बधाई देता हूंँ। साथ ही सभी साहित्यकार इस मंच पर जुड़कर अपनी गरिमामई उपस्थिति से सुशोभित कर रहे हैं यह काबिले तारीफ है । मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूंँ और सभी को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूंँ। समाज के प्रति उत्तरदायित्व को निर्वहन करते हुए या मंच नई दिशा,नई ऊर्जा, नई आयाम स्थापित करेगा और लक्ष्य को प्राप्त करेगा। मेरी शुभकामनाएं है। विशिष्ट अतिथि देशमुख जी ने कहा कि हमारे देश में प्रत्येक युग में इस समाज का एक विशेष दायित्व है और उस दायित्व पर सदैव अपनी योगदान देते आ रहे हैं । प्रत्येक सुख दुख में सहभागीता होना गौरव की बात है मैं इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूंँ। इस साहित्यिक मंच के माध्यम से इन्होंने अपने समाज को उठाने का दायित्व को बखूबी निभा रहे हैं। राम कुमार "पलास" अपने उद्बोधन में कहा कि यह मेरे लिए बड़ी सौभाग्य की बात है कि आपने मुझे विशिष्ट अतिथि के रूप में यहां अवसर प्रदान किया, मैं सदैव आप सभी के प्रत्येक नेक काम में साथ रहूंगा और सभी को शुभकामनाएं प्रेषित की। सभी साहित्यकारों ने काव्यांजलि प्रस्तुत किया जिसमें राम रतन श्रीवास "राधे राधे" (सह संस्थापक/अध्यक्ष), डॉ.हितेंद्र श्रीवास (महासचिव), रविशंकर श्रीवास (कोषाध्यक्ष), इंजि. रमाकान्त श्रीवास ( संस्थापक/संयोजक ) , राजकुमार खाती (रायपुर), बिसर्जन श्रीवास,
(राम चरित मानस पर शोध), सूरज श्रीवास "माटी पुत्र", एवं सुश्री लक्षमी करियरे की छत्तीसगढ़ी भाषा में सुमधुर स्वर से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया । सुश्री धनेश्वरी सोनी "गुल"(वर्ल्ड रिकॉर्ड "गुल के दोहे" के लिए, संस्कार भारती सह संयोजिका), रितेश कुमार (रोगदा), संतोष कुमार श्रीवास (कुसमुंडा), बसंत कुमार श्रीवास (प्रशिक्षण अधिकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नारायणपुर) आर के खात आदि साहित्यिकारों की उपस्थिति रही । इसके साथ ही श्रोताओं और साहित्यकारों ने सभी साहित्यकारों की हौसला अफजाई करते हुए बीच-बीच में तालियों की गड़गड़ाहट से मंच गुंजायमान होता रहा।अंत में इस मंच के अध्यक्षता कर रहे "राधे-राधे" ने कहा की कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ का वार्षिक कवि सम्मेलन इतिहास में अमर हो जाएगा। साहित्यकार की कभी मृत्यु नहीं होती, वह सदैव अपनी सृजन के माध्यम से अमर रहता है। सदियों तक उन्हें याद किया जाता है । यह सौभाग्य की बात है कि हम मांँ सरस्वती के पुत्र/ पुत्रियां भारत माता की सेवा में, इस मिट्टी की सेवा में अपनी जो योगदान दे रहे हैं यह परम सौभाग्य है। मैं आप सभी को हृदय से आभार प्रकट करता हूंँ कि आपने अपने बहुमूल्य समय देकर इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। रविशंकर श्रीवास (कोषाध्यक्ष) के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करते हुए खुशनुमा माहौल में सभा समापन की घोषणा की गई। इस खबर को मुंबई से कवि पत्रकार विनय शर्मा दीप ने दी।
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