पीयू परीक्षा विभाग की लापरवाही से हजारों छात्र परीक्षा से वंचित | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
परीक्षा शुरू होने से पहले फार्म भरने व सत्यापन की कर रहे हैं मांग
छात्रों व अभिभावकों का सवाल परीक्षा नियंत्रक ने परीक्षा शुरू होने के बाद क्यों बुलाई समिति की बैठक
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। हजारों की संख्या में छात्र परीक्षा फार्म भरने व सत्यापन कराने से वंचित हो गए हैं। एक पखवाड़े से छात्र विश्वविद्यालय कुलपति व परीक्षा नियंत्रक से मिलकर परीक्षा फार्म भरने व सत्यापन के लिए एक दिन की अनुमति मांगा था। जिम्मेदार लोगों द्वारा छात्रों को लगातार आश्वासन दिया जा रहा था। रविवार को कुलपति ने अचानक ऑनलाइन परीक्षा समिति की बैठक कराई। जिसमें फैसला लिया गया कि अब परीक्षा शुरू हो चुकी है लिहाजा ऐसे में फार्म जमा कराना और सत्यापन कराना संभव नहीं है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न महाविद्यालयों के स्नातक प्रथम सेमेस्टर के अलावा द्वितीय व तृतीय वर्ष के हजारों की संख्या में छात्र आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर व हंडिया प्रयागराज परीक्षा फार्म भरने सत्यापन कराने से वंचित हो गए थे। जिसके लिए छात्रों ने एक पखवारा पूर्व कई बार कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य व परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह से मुलाकात किया और एक दिन के लिए फार्म भरने व वेरिफिकेशन के लिए तिथि जारी करने की मांग किया। छात्रों को आ·ाासन पर आ·ाासन मिलता रहा और वे विश्वविद्यालय प्रशासन की हरी झंडी का इंतजार करते रहे। रविवार को कुलपति की अध्यक्षता में ऑनलाइन परीक्षा समिति की बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि परीक्षा शुरू हो चुकी है ऐसे में अब परीक्षा फार्म भरवाने और वेरिफिकेशन कराने का निर्णय लेना उचित नहीं होगा क्योंकि काफी महत्वपूर्ण विषय की परीक्षा संपन्न हो चुकी है। जबकि छात्र 24 मार्च के पहले से परीक्षा फार्म भरने व वेरीफिकेशन की तिथि एक दिन के लिए बढ़ाने की मांग कर रहे थे। ऐसे में यह कहते हुए छात्रों की मांग खारिज करना की परीक्षा शुरू हो चुकी है ऐसे में निर्णय नहीं लिया जा सकता है। वहीं समिति की बैठक में सिर्फ विश्वविद्यालय के ही नहीं कई महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक भी शामिल हुए लेकिन किसी ने भी छात्रों के हित में नहीं सोचा कि प्रथम वर्ष का फार्म भरवाना एक अलग विषय है।लेकिन जो छात्र द्वितीय व तृतीय वर्ष में थे उनकी परीक्षा 28 मार्च से शुरू हुई है। इसलिए उनके परीक्षा फार्म भरवा कर वेरीफिकेशन कराए जा सकते थे लेकिन उस समय छात्रों के साथ वि·ाविद्यालय प्रशासन के लोग हठधर्मी रवैया अख्तियार किए हुए थे। अभिभावकों व महाविद्यालय संचालकों का आरोप है कि वि·ाविद्यालय प्रशासन छात्रों के हित में ना सोच कर उनका भविष्य बर्बाद कर दिया है। वहीं परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह का कहना है कि परीक्षा के पूर्व सेंटर निर्धारित करने पड़ते हैं। साथ ही साथ प्रश्न पत्र छपवाने की प्रक्रिया भी संपन्न करानी पड़ती है। इसलिए अंतिम समय में फार्म भरवाने और जमा करवाने का निर्णय लेना सही नहीं है। इससे परीक्षा संचालन में बाधा उत्पन्न होगी।
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