बाबा साहब आंबेडकर | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
सोये हुए दलितों को बाबा साहब ने जगाया है,
हर झोंपड़ी में एक नई रोशनी जलाया है।
किया संघर्ष निजी जीवन में सभी के लिए,
हर गिरे हुए लोगों को अपनी गोंद में उठाया है।
क्या-क्या नहीं सहा बाबा साहब आंबेडकर ने, मुरझाये हुए उपवन में फिर से फूल खिलाया है।
बँट गया था तब हमारा समाज कई टुकड़ों में, अस्पृश्यता की दीवार उन्होंने ही गिराया है।
फिरंगियों की चाल को भाँप गये थे बाबा साहेब, देश को टुकड़े- टुकड़े होने से बचाया है। कोटि-कोटि नमन करें हम ऐसे महामानव को, जिसने इतना सुंदर संविधान बनाया है।
खामोश रहना और जुल्म सहना पाप है दोस्तों ! यह सबक हमें बाबा साहब ने खुद सिखाया है।
हम भी लड़े अपने वक्त की बुराई से जगवालों! बाबा साहब ने जो संघर्ष का रास्ता दिखाया है।
रामकेश यादव (कवि, साहित्यकार), मुंबई
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