जनपद में गन्ना समितियां शाहगंज व मेहरावां कार्यशील | #NayaSaberaNetwork
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गन्ना समिति मेहरावां का शाहगंज में विलय का है प्रस्ताव
जौनपुर। जनपद में स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व वर्ष 1938-39 से ही दो गन्ना समितियां शाहगंज व मेहरावां गठित की गई थी जिनके माध्यम से सदस्य गन्ना किसानों को उच्च गुणवत्ता के कृषि आगम यथा खाद, कीटनाशक यंत्र व ऋण उपलब्ध कराये जाते थे। साथ ही उनके द्वारा उत्पादित गन्ने की आपूर्ति (शाहगज, नदगंज, औराई व सठियांव चीनी मिलों) को की जाती थी किन्तु गत 10-15 वर्षों में जहां गन्ने के रकबे में कमी आई है, वहीं आपूर्ति भी घट गयी है जहां पूर्व में मेहरावां समिति के 17 क्रय केन्द्रों पर गन्ना आपूर्ति होती थी। यह वर्तमान में मात्र 4 क्रय केन्द्रो तक ही सीमित हो गई है जिनसे कुल आपूर्ति मात्र 0.11 लाख कु. हो पा रही है जिससे समिति की आय इतनी कम हो गई है कि समिति किसी कर्मचारी को वेतन देने की स्थिति में नहीं है। वर्तमान में समिति में कोई कर्मचारी कार्यरत नहीं है किन्तु पूर्व में कार्यरत कर्मचारियों के सेवानैवृत्तिक देयकों रू 7.88,186.00 का भुगतान होना है। ऐसे में समिति अपने मूल उद्देश्यों की पूर्ति नहीं कर पा रही है जिसके दृष्टिगत समिति मेहरावां के समिति शाहगंज में संविलयन का प्रस्ताव आयुक्त, गन्ना एवं चीनी/निबन्धक, सहकारी गन्ना समितियां, चीनी मिल समितियां उ.प्र. को प्रेषित किया गया था जिस पर उन्होंने उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 15 में वर्णित प्राविधानों के अनुसार संबंधित समितियों की सामान्य वार्षिक निकाय बैठक में उक्त प्रस्तावों को पारित कराने हेतु निर्देशित किया है। इसके क्रम में सचिव प्रभारी, समिति मेहरांवा व शाहगंज ने क्रमशः 31 मार्च व 5 अप्रैल को समितियों के सामान्य वार्षिक निकाय की बैठक आहूत की है। ऐसे में समस्त समिति सदस्यों से अनुरोध है कि अपनी समिति के सामान्य वार्षिक निकाय की बैठकों में अवश्य प्रतिभाग करें व समिति की कार्यव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अपना योगदान दें।
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