राहें बलिदान की ! | #NayaSaberaNetwork
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देशभक्ति अपनी दिखानी होगी,
खूशबू वतन की बढ़ानी होगी।
तरसे न रोटी खातिर कोई बेचारा,
छाये न देखो कहीं घोर अँधियारा।
रहमत ऐसी दिखानी होगी,
खूशबू वतन की बढ़ानी होगी।
देशभक्ति...
रहे न कोई अनपढ़ अब इस देश में,
हम भी खड़े हैं देखो मंगल की रेस में।
चाँद पर बस्ती बसानी होगी,
खूशबू वतन की बढ़ानी होगी।
देशभक्ति..
आंसुओं का प्याला न कहीं कोई पिए,
दर्द छुपाकर कोई गुमसुम न जिए।
सृजन की मशाल और जलानी होगी,
खूशबू वतन की बढ़ानी होगी।
देशभक्ति...
हँसते- हँसते देंगें खून ये परिपाटी है,
भगत सिंह के जैसे वज्र-सी ये छाती है।
राहें बलिदान की सजानी होगी,
खूशबू वतन की बढ़ानी होगी।
देशभक्ति........
रामकेश एम.यादव(कवि,साहित्यकार),मुंबई
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