समाज को दिशा देनेवाले ग्रंथालय कर्मियों की मांग पर सरकार उदासीन- अनिल गलगली | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
मुंबई। मुंबई के आझाद मैदान में महाराष्ट्र राज्य ग्रंथालय संघ की ओर से विभिन्न मांग को लेकर किया गया आंदोलन को समर्थन देते हुए आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि समाज को दिशा देनेवाले ग्रंथालय कर्मियों की मांग पर सरकार उदासीन हैं.। आजाद मैदान में महाराष्ट्र राज्य ग्रंथालय संघ की ओर से विभिन्न मांग को लेकर आंदोलन चल रहा हैं. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि वर्ष 2012 से नई मान्यता नहीं दी गई हैं और कार्यरत ग्रंथालय की अवस्था दयनीय हैं. राज्य के उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग आखिर क्या करता हैं ? ऐसा सवाल करते हुए गलगली ने कहा कि खास ऐसे मुंबई मराठी ग्रंथ संग्रहालय को 5 करोड़ का अनुदान दिया जाता हैं और ग्रामीण क्षेत्र के ग्रंथालय की ओर सरकार का ध्यान नहीं हैं. ग्रंथालय सेवकों की अनंत समस्याएं हैं. उस ओर ताबड़तोड़ ध्यान देने की आवश्यकता हैं. गलगली ने आगे कहा कि शिक्षा क्षेत्र में ग्रंथालय हैं लेकिन ग्रंथपाल ही नहीं हैं, ऐसी भयानक परिस्थिती हैं. पढ़ने की संस्कृती का दावा करनेवाली सरकार ईमानदारी से काम करनेवाले कर्मचारियों को किंमत नहीं दे रही हैं,यह खेदजनक हैं. इस मौके पर डॉ गजानन कोटेवार, डॉ दत्ता परदेशी, एड प्रवीण पाटील, सुनील कुबल, डॉ कृष्णा नाईक, अनिल सोनावणे, डॉ राजशेखर वालेकर, प्रमोद खानोलकर आदी उपस्थित थे।
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