यूक्रेन से पहुंचा छात्र, परिजनों ने जताई खुशी | #NayaSaberaNetwork
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बंकर में रहकर बिताए थे तीन सप्ताह
जौनपुर। यूक्रेन व रूस के बीच युद्ध शुरू होते ही भारतीय बच्चों में करंजाकला विकासखंड के प्रेमापुर निवासी आयुष भी फंस गया था। परिजन परेशान हो गए लेकिन आयुष के घर लौटते ही परिजनों में खुशी का माहौल बन उठा। जीवन की मुराद पूरी होने की खुशी जताई। गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के प्रेमापुर गांव निवासी शिवकुमार यादव का पुत्र आयुष यादव सत्र 2021 नवंबर माह में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन के डिम्प्रो स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था और पढ़ाई शुरू हुई थी। लेकिन एक माह पूर्व जैसे ही रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया, वहां दहशत पूर्ण माहौल हो गया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर छिपने लगे, जिसमें भारतीय छात्र भी वहां फंस गए और उसी में आयुष यादव भी फंस गया। वहां कालेज के नीचे बंकर बनाया गया था, बंकर में ही करीब साढ़े तीन सौ बच्चों को रखा गया, जो विभिन्न देश से आए हुए थे। उन्हें राशन वगैरह बंकर में उपलब्ध कराया जाता था, ज्यादातर बिस्किट पानी ही मिलते थे। बंकर मे मोबाइल का नेटवर्क टूट गया था। जिससे परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया। परिजन भी घबरा उठे,लेकिन उधर यूनिवर्सिटी से काम कर रही इंटर मोस्ट कंसल्टेंसी टीम ने बच्चों को निकालने के लिए उन्हें कैब टैक्सी बस के माध्यम से रोमानिया एयरपोर्ट पर लाया जहां इंडिगो की फ्लाइट से इंडिया भेज दिया। आयुष ने कहा कि इस दौरान छात्रों पर दहशत का माहौल था ऐसा लगता था घर पहुंच पाएंगे परिजन से मिल पाएंगे कि नहीं। तरह तरह के विचार परेशानी का सबब बन जाते थे। लेकिन लौटकर परिजनों से मिलने पर जैसे सारी खुशियां मिल गई। उन्होंने कहा कि पढ़ाई रु की नहीं है। 15 मार्च से ऑनलाइन क्लास शुरु हो गया है। अब हम लोग घर बैठे ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाई शुरू कर दिए हैं और युद्ध रु कने का इंतजार रहेगा। स्थिति पर निर्णय लिया जाएगा। मां पुष्पा यादव व पिता शिवकुमार यादव व भाई बहनों ने खुशी जताई और कहा कि भगवान ने मेरे जीवन की सबसे बड़ी मुराद पूरी की है। जिससे मेरा पुत्र सकुशल घर लौटा आया।
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