लोकतंत्र भीड़तंत्र के रूप में बदल जाता है:गिरीश पांडेय | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
रूप सेवा संस्थान द्वारा हुआ संगोष्ठी का आयोजन
जौनपुर। भारत के लोगो में आज भी अपने संविधान के प्रति जागरूकता का अभाव है। जनता द्वारा चुने गये जनप्रतिनिधियों के राजतिलक की बातें किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उक्त बातें वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व आयकर आयुक्त गिरीश पांडेय ने रूप सेवा संस्थान द्वारा राजकालोनी हुसेनाबाद में आयोजित एक संगोष्ठी में व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश की मालिक जनता है। लोकतंत्र, लोक से उभरा हुआ तंत्र है। जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधियों द्वारा चलायी जाने वाली व्यवस्था सरकार है। श्री पांडेय ने कहा कि जनता अपने विवेक से कुछ नहीं देखती, महज भीड़ का हिस्सा बन जाती है। इसीलिए हमारा लोकतंत्र भीड़तंत्र के रूप में बदल जाता है। हम भारत के लोग ही सत्ता के मालिक है और अपना सेवक स्वयं चुनते है और हम रहजन रह जाते है। चुनाव जीतने के उपरान्त जनसेवक अपने कर्तव्यों के पालन के लिए शपथ ग्रहण करते हैं लेकिन राजशाही की मानसिकता से ग्रसित हम इस कार्यक्रम को राजतिलक कहते है। समाचार माध्यम भी इस तरह के भ्रामक शब्दों के प्रयोग से समाज को यथार्थ से वंचित वितरित करने का कार्य करते है। कार्यक्रम में जागो! गणराज्य जागो पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर बेहोश जौनपुरी नीरज, लोकेश त्रिपाठी, नीरज त्रिपाठी, संतोष मिश्रा, सुधीर कुमार शुक्ल आदि उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन पं रामकृष्ण त्रिपाठी ने किया।
No comments