जनता का फैसला : घमंड में चूर थे हारे हुए विधायक! | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। जौनपुर में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार हुई है। पूर्व में इस सीट पर भाजपा 4 विधायक थे और एक सहयोगी दल अपना दल एस से विधायक थी। कुल मिलाकर 9 विधानसभा सीट पर भाजपा सहयोगी दल 5, सपा 3, बसपा 1 थी। इस बार के चुनाव में कुल 9 सीटों पर सपा 4, सहयाेगी दल सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी 1, भाजपा 1, सहयोगी दल निषाद पार्टी व अपना दल एस 1-1 विजयी घोषित हुए हैं। जौनपुर सदर सीट का परिणाम आना शेष है। पिछली बार की अपेक्षा जौनपुर में भाजपा की दुर्गति हो गई। इसके पीछे खुद हारने वाले विधायक जिम्मेदार है। चुनाव जीतने के बाद उन्हें ऐसा लगने लगा था कि उन्हें अब जनता के बीच नहीं जाना तो वह न तो क्षेत्र में दिखते थे और न ही विकास कार्य कराने में उन्हें कोई रूचि थी। रूतबा तो ऐसा था कि जैसे वह जनता के सेवक नहीं अब राजा हो गए हैं उन्हें उनके पद से कोई हटा ही नहीं सकता। फिलहाल लोकतंत्र में आम आदमी ने अपनी ताकत दिखा दी और घमंड में चूर विधायकों को पदच्युत कर दिया। अब जिले में भारतीय जनता पार्टी का सिर्फ एक विधायक है। शेष 2 सहयोगी दल निषाद पार्टी और अपना दल एस के विधायक हैं। भाजपा को इतनी करारी हार मिली कि कोई सोच भी नहीं सकता। खैर इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी कोई दोष नहीं है। यहां से जैसी रिपोर्ट पार्टी भेजेगी उसी के अनुसार पार्टी का चुनाव संचालन समिति निर्णय लेगा।
इसके अलावा सपा के कद्दावर नेता 4 बार से विधायक रहे शैलेंद्र यादव ललई को भी जनता ने इस बार अस्वीकार कर दिया। शाहगंज सीट पर निषाद पार्टी के प्रत्याशी रमेश सिंह को इस बार विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। वहीं सपा ने पहले ही मछलीशहर में अपने निवर्तमान विधायक जगदीश सोनकर का टिकट काट दिया था। शायद यही वजह भी रही कि यहां से सपा ने पुन: जीत दर्ज की जबकि मुंगराबादशाहपुर की विधायक रहीं सुषमा पटेल को सपा ने मड़ियाहूं से प्रत्याशी बनाया लेकिन वहां से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सही समय पर अपना दल एस ने भी मड़ियाहूं की निवर्तमान विधायक रहीं डॉ. लीना तिवारी को प्रत्याशी न बनाकर उचित निर्णय लिया और डॉ. आरके पटेल को प्रत्याशी बनाया जिसका नतीजा रहा कि यह सीट एक बार फिर अपना दल एस के खाते में गई।
भाजपा की बात करें तो जफराबाद से डॉ. हरेंद्र सिंह ने पिछली बार के चुनाव में जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार जनता ने उन्हें नकारते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी जगदीश नारायण राय पर भरोसा जताया। यही हाल केराकत का है। केराकत से विधायक रहे दिनेश चौधरी को भी जनता ने अस्वीकार कर दिया। यहां से सपा के तूफानी सरोज को विधानसभा की जनता ने प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया। सदर विधानसभा पर भी अभी सपा आगे चल रही है आगे कुछ कहा नहीं जा सकता। हो सकता है सपा भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे गिरीश यादव को हराने में कामयाब हो जाए। अगर ऐसा हुआ तो इस प्रकार बदलापुर को छोड़ सभी विधायक चुनाव हार जाएंगे।
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