साहेब बंदगी के जयकारे से गूंज रहा बाबा बालक दास धाम | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। बाबा बालक दास कुटी पर 7 दिवसीय भागवत ज्ञान सप्ताह के चौथे दिन कथा में भारी संख्या में नेपाल, बिहार, गुजरात आदि से पधारे कबीरपंथी संतों के जयकारे से पूरा क्षेत्र गुंजायमान है। कथा के चौथे दिन गुजरात से पधारे 100 वर्षीय बड़े महंत साहब ने भक्तों को अमृत मई ज्ञान वर्षा से साखी, सबद, रमैनी पर परम ब्रह्म कबीर के विचारों को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि लोग मंदिर में पहुंचकर घंटे की आवाज बार-बार करके ऐसा जताना चाहते हैं कि जैसे वह परमात्मा सदा से सोया हुआ है उसे बड़ी मेहनत से जगाना है।
जो सर्वव्यापी है वहीं परम ब्रह्म परमात्मा
उन्होंने कहा कि जो शाश्वत जागृत है, जो अजन्मा है, जो सर्वव्यापी है वहीं परम ब्रह्म परमात्मा है और वह हमारे मंदिर आने-जाने सबकी खबर रखता है, हम क्यों आए हैं, लेकिन हम मूर्खता बस मंदिर में पहुंचकर घंटी बजाकर अपने पहुंचने की खबर करते हैं। उन्होंने इस संसार में जीव क्यों आया? मौत के बाद उसका ठिकाना क्या होगा? कर्म, अकर्म, ध्यान, योग, समाधि, मनुष्य जीवन के महत्व को विस्तार से समझाएं, धनी धर्मदास पर विस्तार से अपनी बातें बताएं। कबीर से उनका आशय था जो श्रेष्ठ है वही कबीर है जीवन में हमें उन मूल्यों की रक्षा करनी है जो शाश्वत हैं और शाश्वत रहेंगे।
आत्मज्ञान ही मुक्ति का मार्ग
आत्मज्ञान को ही उन्होंने मुक्ति का मार्ग बताया। सभी व्यक्ति जन्म से समान होते हैं। कर्म और बोध से व्यक्ति ईश्वर का साक्षात करता है और मुक्ति को प्राप्त करता है। भारी संख्या में भक्त गण उपस्थित रहे। कथा के आयोजक बाबा बालक दास कुटी मोकलपुर (बाबागंज) मड़ियाहूं के संस्था प्रमुख महंत शिव मुनि जी महाराज ने कथा के शुरुआत में गुरु के महत्व को विस्तार से लोगों को बताया और लोगों से अपील की कि इस ज्ञान गंगा में भारी संख्या में उपस्थित होकर गोता लगाएं। अंत में उन्होंने सभी के प्रति अपना आभार ज्ञापित किया। सभी को विशेष धन्यवाद रजनीश जायसवाल प्रधान ने ज्ञापित किया।
'आप डरना छोड़ दे...मैं हूं ना'
बाबा बालक दास कुटी बाबागंज पर साध्वी नन्दिनी जी सरस्वती जी के मधुर वाणी से श्री मद्भागवत कथा चल रहा है। यह कार्यक्रम परमपूज्य गुरुजी श्री शिवमुनि शात्रीजी महाराज और ग्राम प्रधान रजनीश जायसवाल के संरक्षण में चल रहा है। पर्वत को भगवान कृष्ण ने अपनी एक उंगली से उठा लिया था। कारण यह था कि मथुरा, गोकुल, वृंदावन आदि के लोगों को वह घनघोर बारिश से बचाना चाहते थे। नगरवासियों ने इस पर्वत के नीचे इकट्ठा होकर अपनी जान बचाई। यह बारिश इंद्र ने करवाई थी। लोग इंद्र से डरते थे और डर के मारे सभी इंद्र की पूजा करते थे, तभी कृष्ण ने कहा था कि आप डरना छोड़ दे...मैं हूं ना। इस कथा का विस्तृत तरीके से साध्वी नंदिनी जी ने सबको विस्तार पूर्वक बताया और सभी भक्त गण पूरी तरह से भाव विभोर हो गए और भगवान कृष्ण जी की जय जयकार करने लगे और अंत में सभी को ग्राम प्रधान रजनीश जायसवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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