घर से स्नातक की पढ़ाई नहीं कर पाएंगें दूर बैठे विद्यार्थी | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
नई शिक्षा नीति का हवाला देकर पीयू ने प्राइवेट फॉर्म भरवाने से किया इंकार
हर साल 1 लाख से अधिक विद्यार्थी भरते हैं प्राइवेट फॉर्म
सरायख्वाजा,जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने आखिरकर साफ कर दिया की प्राइवेट परीक्षा फॉर्म नहीं भरे जाएंगे। इसके पीछे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हवाला दिया गया। वि·ाविद्यालय की इस घोषणा से प्राइवेट तौर पर स्नातक प्रथम वर्ष की पढ़ाई करने के लिए लाखों विद्यार्थियों के सपने बिखर गए हैं। माना जा रहा है कि इस फैसले का सबसे ज्यादा असर दूर गांव में बैठी उन बेटियों पर पड़ेगा,संसाधनों की कमी की वजह से जिनके लिए डिग्री हासिल करने का प्राइवेट फॉर्म भरना एक मात्र जरिया था। पूर्वांचल वि·ाविद्यालय की ओर से आयोजित परीक्षाओं में हर साल औसतन एक लाख विद्यार्थी प्राइवेट फॉर्म भरते हैं। प्राइवेट परीक्षा फॉर्म भरने का कार्यक्रम आमतौर पर दिसंबर जनवरी में जारी किया जाता है लेकिन इस बार यह कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया।पूर्वांचल विद्यालय में पहले तो इसकी वजह कोरोना की दूसरी लहर को बताया फिर शासन का आदेश आने का इंतजार करने की बात कह कर उसको लगातार टाला जाता रहा। अब जाकर साफ किया गया कि प्राइवेट परीक्षा फॉर्म नहीं भरे जाएंगे।वि·ाविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक विद्यार्थियों व स्नातक प्रथम वर्ष की पढ़ाई संस्थागत तौर पर ही कर सकेंगे। फॉर्म भरने की इजाजत नहीं मिलेगी बता दे कि इन दिनों संस्थागत विद्यार्थियों के परीक्षा फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। उधर लाखों विद्यार्थी कई महीने से प्राइवेट परीक्षा फॉर्म भरने का इंतजार कर रहे हैं वि·ाविद्यालय प्रशासन अब तक उन्हें शासन के आदेश का इंतजार करने को कह रहा था। वि·ाविद्यालय के अधिकारी एक तरफ प्राइवेट परीक्षा फॉर्म ना भरवाने की वजह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बता रहे हैं तो दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि घर बैठे पढ़ाई करना मुमकिन नहीं है। विद्यार्थी कॉलेज आकर ही पढ़ाई कर सकते हैं। प्राइवेट पढ़ाई सिर्फ कारोबार के अलावा कुछ नहीं है। उधर वि·ाविद्यालय का यह फैसला आने के बाद प्राइवेट फॉर्म भरने को बैठे विद्यार्थियों की बेचैनी बढ़ गई है। वि·ाविद्यालय के अधिकारियों के साथ छात्र संगठन को भी फोन करके मदद की गुहार लगा रहे हैं। हालांकि फिलहाल कोई रास्ता बनता नहीं दिख रहा है। हालांकि वि·ाविद्यालय के अधिकारी अभी कहा है कि अगर शासन का आदेश आया तो प्राइवेट फॉर्म भरने की अनुमति दी जाएगी। हकीकत: शिक्षा की दुकानों का ठंडा होता कारोबार पकड़ेगा और रफ्तार प्राइवेट फॉर्म न भरवाने के फैसले से लाखों विद्यार्थी की तो परेशानी बढ़ गई है लेकिन शिक्षा की दुकाने चलाने वालों का काम बनता नजर आ रहा है। शिक्षा से जुड़े कई लोगों का मानना है कि प्राइवेट फॉर्म भरने पर पाबंदी लगने के बाद तमाम विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। सरकारी शिक्षण संस्थानों की कमी के कारण बाकी को निजी संस्थानों को मोटी फीस देकर दाखिला लेने पड़ेंगे। नियमित रूप से पढ़ाई की गारंटी तब भी नहीं मिलेगी। उदाहरण उन तमाम बीएड कॉलेज का दिया जा रहा है जो दाखिला लेने के बाद एक मोटी रकम के बदले विद्यार्थियों को कालेज ना आने की छूट दे देते हैं। और ने परीक्षा में शामिल करा देते हैं कहा जा रहा है कि अब बीए, एमए की डिग्रियां भी इसी तरह मिलेंगी।प्रइवेट फॉर्म भरकर घर पर पढ़ाई करके डिग्री लेने का सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं और कामकाजी लोगों को मिलता था जो काम करते हुए भी स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई की डिग्री प्राप्त कर लेते थे। इसका फायदा उन्हें अपने कैरियर में भी मिलता है। इसके अलावा प्राइवेट फॉर्म भरने वालों में शादीशुदा महिलाएं, गांव देहात की बेटियां भी होती हैं। जिनके लिए दूसरे संसाधनों और पैसों की कमी की वजह से नियमित रूप से कॉलेज जाना मुमकिन नहीं होता है। यह लोग अब डिग्री लेने से वंचित रहेंगे। पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक पूर्वांचल वि·ाविद्यालय में लगभग 1 लाख छात्रों ने प्राइवेट परीक्षा फॉर्म भरे थे। कॉलेजों को इससे मिलने वाली फीस से अपना विकास करने में भी मदद मिलती है। परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह ने बताया की स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों का प्राइवेट परीक्षा फॉर्म नहीं भरा गया है। यह निर्णय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लिया गया है। यदि भविष्य में शासन की तरफ से कोई आदेश आएगा तो परीक्षा फॉर्म भरने की कवायद फिर से शुरू किए जाएंगे।
No comments