जनपद में तेज हुई बाबा के बुलडोजर की रफ्तार | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
बड़े के बाद अब छोटे भू-माफियाओं पर टेढ़ी नजर
भू-माफियाओं में प्रशासन की कार्रवाई से मचा हड़कंप
लगातार दूसरे दिन भी अवैध कब्जे पर हुई कार्रवाई
जौनपुर। बाबा के दूसरी बार सत्ता में आते ही उनके बुलडोजर की रफ्तार भी तेज हो गई है। एक तरफ जहां पिछली सरकार में कई बड़े भू-माफियाओं द्वारा हड़पी गई जमीनों पर बुलडोजर चलाया गया वहीं इस बार बड़े माफियाओं के साथ साथ बाबा के प्रशासन की नजर अब गांव गिरावं के छोटे भू माफियाओं पर भी टेढ़ी हो चुकी है। मंगलवार को जिले के अलग अलग क्षेत्रों में कई स्थानों पर जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर हड़पी गई जमीनों क ो भूमाफियाओं से मुक्त कराने का काम किया। सोमवार को जहां नगर क्षेत्र में बुलडोजर की गरज सुनाई पड़ी थी वहीं मंगलवार को बक्शा थाना क्षेत्र के खमपुर गांव में प्रशासन का बुलडोजर चला और दो भू माफियाओं के कब्जे से तालाब की जमीन खाली कराई गई और उसपर किया गया अवैध निर्माण ढहाया गया। जिसके बाद से पूरे जिले में सभी छोटे बड़े भू माफियाओं के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं। मंगलवार को प्रशासन का लावलशकर खमपुर गांव पहुंचा जहां एक जलखाते की जमीन पर दो पक्षों द्वारा अवैध निर्माण किया गया था साथ ही दोनों पक्षों द्वारा उक्त भूमि को अपने पक्ष में कराने के लिए उपजिलाधिकारी न्यायालय में बाकायदा वाद दाखिल कर लड़ाई भी चल रही थी। बताते हैं कि गांव निवासी निवासी राजदेव यादव व पड़ोसी गिरिजाशंकर यादव द्वारा जेराब तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा करतें हुए लगातार निर्माण कार्य करवाया जा रहा था। उसी निर्माण के दौरान दोनों पक्षों में पूर्व में विवाद भी हो चुका था। एक पक्ष द्वारा उसी जमीन से रास्ता मांगना विवाद और गहरा होता गया। विवाद बढ़ा तो मामला उपजिलाधिकारी सदर ज्वांइट मजिस्ट्रेट हिमांशू नागपाल के न्यायालय पहुँच गया। एसडीएम द्वारा संबंधित राजस्व विभाग से जांच करवाया तो पता चला कि दोनों पक्ष सरकारी भूमि पर निर्माण कार्य लगातार करते आ रहें है। लेखपाल प्रिया कटियार, धीरेन्द्र प्रताप, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, चकबंदी लेखपाल वीरेन्द्र कुमार व मदन सिंह के अलावा थानाध्यक्ष दिब्य प्रकाश सिंह, उपनिरीक्षक मनोज सिंह सहित भारी संख्या में पहुँचे पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में पहुँची बुलडोजर ने अवैध कब्जा को ध्वस्त कर दिया। कब्जा धारकों द्वारा उक्त भूमि पर कमरा के अलावा पशुशाला व शौचालय बनवा रखें थे। ध्वस्तीकरण की कार्यवाही होते ही ग्रामीणों में हड़कम्प मच गया।
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