चुरावनपुर में चहका फाग गीतः बिन बलमा फगुनवा जहर लागेला | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
परम्परागत संगीत समारोह में लोक कलाकार किये गये सम्मानित
बक्शा, जौनपुर। श्री द्वारिकाधीश लोक संस्कृति संस्थान द्वारा बक्शा विकास खंड के चुरावनपुर गांव में रविवार को लोक संगीत समारोह का आयोजन किया। देर रात तक चले इस अनूठे कार्यक्रम में श्रोता फागुनी स्वर लहरियों में झूमते रहे। सुरुचिपूर्ण फाग लोक संगीत से कलाकारों ने होली के रंगों को और भी चटक बना दिया। युवा पीढ़ी ने भी अपनी रुचि दिखाते हुए मंच पर अपनी शानदार प्रस्तुति दी। 5 दशकों से जनपद के लोक कलाकारों को मंच प्रदान करता आ रहा यह संस्थान विलुप्त हो रहे फाग गीतों फगुआ, चौताल, चहका, धमार, उलारा, बेलवइया, चैता आदि अवधी गीतों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु सतत सक्रिय है। फागुनी गीतों के इस धमाल में चैताल तिकड़ी 92 वर्षीय बड़कऊ उपाध्याय, लाल साहब पाठक व रामनवल शुक्ल द्वारा ‘मोहि अवध छयल दिलदारे नयन शर मारे’ सुनाकर मंत्र-मुग्ध कर दिया। फाग गीत की शानदार प्रस्तुति करते हुए ख्यातिलब्ध उलारा गायक राम आसरे तिवारी ने बिन बलमा फगुनवा जहर लागेला, बिन बलमा तथा उलारा जहां झोकवन आवै बयार अटरिया लंबी छवाय द बालमवा तथा सवारियां जुलुम गुजारा हो हमरी सेजरिया सुनाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। फाग गीत के प्रसिद्ध गायक कैलाश शुक्ल द्वारा उलारा बाज रही पैजनियां छमाछम तथा जनपद के मशहूर चैताल गायक डा. सत्य नाथ पाण्डेय द्वारा फागुन के दिन गिनत बिताने चैत नियराने गाकर वाहवाही लूटी। युवा गायक डा. रामकृष्ण पाण्डेय ने होली गीत प्रस्तुत कर सबको मंत्र-मुग्धकर दिया। देवी गीत गायक आशीष पाठक अमृत, बेलवइया गायक त्रिवेणी प्रसाद पाठक, बाल कलाकार तबला वादक कार्तिकेय मिश्र, ढोल वादक कृष्णानंद उपाध्याय, अशोक कुमार, लक्ष्मी उपाध्याय, भुट्टे मियां, नजरू उस्ताद सहित समस्त लोक गायकों एवं अतिथियों का स्वागत संस्थान के अध्यक्ष डा. मनोज मिश्र ने किया। लोक सेवा आयोग यूपी के सदस्य प्रो. आर.एन. त्रिपाठी एवं भारतीय विज्ञान कथा लेखन समिति के सचिव डा. अरविन्द मिश्र ने लोक गायकों को अंगवस्त्रम पहना कर सम्मानित किया। समारोह का संचालन श्रीपति उपाध्याय एवं धन्यवाद ज्ञापन ओंकार मिश्र ने किया।
Ad |
No comments