6566 हेक्टेयर जायद मे फसलोत्पादन का लक्ष्य:विवेक सिंह | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
राज्य स्तरीय जायद गोष्ठी का वर्चुअल रूप में हुआ आयोजन
बिना ई केवाईसी किसान सम्मान निधि की नहीं आयेगी किस्त
जौनपुर। जायद अभियान फसलोत्पादन रणनीति के तहत मंगलवार को एनआईसी लखनऊ से कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय जायद गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें जायद अभियान में फसलोत्पादन की रणनीति पर चर्चा की गई। कृषि निदेशक विवेक सिंह ने जायद अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुये बताया कि फसलोत्पादन रणनीति में फसल सघनता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिये प्रदेश की फसल सघनता में वृद्वि एवं विशेष रूप से दलहनी फसलो के आच्छादन खाली खेतो में कराये जाने की आवश्यकता है। अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चर्तुवेदी ने पीएम किसान योजनान्तगर््ात ई-केवाईसी की अनिवार्यता की जानकारी देते हुये बताया कि ई-केवाईसी के लिये मोबाईल एप तैयार कराया गया है। कृषक स्वयं अपने मोबाईल फोन से 31 मार्च 2022 तक ई-केवाईसी कर लंे। आधार से लिंक मोबाईल नम्बर न होने पर सीएससी से करा ले, अन्यथा अगली किस्त रूक जायेगी। उन्होने समस्त जनपदीय अधिकारियो से लम्बित डाटो के संशोधन एवं कृषि यंत्रो के सत्यापन कर बिल पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिये है। अध्यक्षता करते हुये कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि एफपीओ (कृषि उत्पादन संगठनो) को प्रोत्साहित किया जाय। तीनो फसलो का प्लान तैयार कराकर उन्हे प्राकृतिक खेती, मूल्य संवर्धन, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग से जागरूक कर उनकी आमदनी बढ़ाये। कृषि वि·ाविद्यालयो के वैज्ञानिको द्वारा जायद, मक्का, उर्द, मूंग, सूरजमुखी, सब्जी, हरा चारा एवं हरी खाद उत्पादन की तकनीकी जानकारी दिया गया। गोष्ठी में प्रत्येक मण्डलो के कमिश्नर, जिलो के जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी, कृषि विभाग एवं सम्बन्धित विभागो के अधिकारी एवं प्रगतिशील कृषको ने प्रतिभाग किया। मुख्य विकास अधिकारी अनुपम शुक्ला ने जनपद में हरी खाद हेतु ढैचा बीज की डिमांड के लिउ उप कृषि निदेशक को निर्देश दिये। उप कृषि निदेशक जय प्रकाश ने बताया कि जनपद को जायद में कुल 6566 हेक्टेयर म्ंो आच्छादन का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमें मक्का 1516 हेक्टेयर, उर्द 1377 हेक्टेयर, मूंग 1317 हेक्टेयर, सूरजमुखी 6 हेक्टेयर, सब्जियॉं 1930 हेक्टेयर तथा हरा चारा 420 हेक्टेयर उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके लिये बीज एवं उर्वरक की व्यवस्था कर ली गई है। किसानो को जायद आच्छादन बढ़ाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।
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