"जिसकी लगेगी बड़ी बोली, उसी की बेटी चढ़ेगी डोली..." | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
जौनपुर। "ग्राम्या" साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था के बैनर तले शनिवार को अहियापुर नुक्कड़ शिव मंदिर प्रांगण में एक वृहद कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन सम्पन्न हुआ। प्रारंभ में कवियत्री योगिनी काजोल पाठक ने मां वीणावादिनी सरस्वती की वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत किया। मुख्य अतिथि एडीएम रामप्रकाश की प्रशासनिक व्यस्तताओं के चलते मंच का उद्घाटन डा. कैप्टन अखिलेश्वर शुक्ल प्राचार्य राज कालेज ने फीता काटकर किया।
मुख्य अतिथि एवं पूर्व में प्रस्तावित लोगों का सम्मान पत्र पढ़कर संयोजक सतीश चन्द्र शुक्ल सत्पथी ने मंच की परम्परा को आगे बढ़ाया। अपने सम्मानित होने के उपरांत मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को कराए जाने की महती आवश्यकता है। आज के इस होता प्रदूषित युग में ऐसे आयोजनों से स्वच्छ समाज की स्थापना होती है। मैं ज्यादातर अपनी सेवाएं पश्चिमी द्वारा जिलों में दिया हूं।
जौनपुर जनपद के लोगों की सोच में बहुत ही नकारात्मकता व्याप्त है। इसे सकारात्मक दिशा में लाने के लिए हमे निरंतर प्रयास करना चाहिए। श्रीमती विभा तिवारी की रचना अब तक थी खामोश ये शायद दिल को मेरे टटोलेगी। दिल टूटेगा मैं रोऊंगी तब ये गजल बोलेंगी।। योगिनी काजोल पाठक की रचना उर नेह बीज आए अंकुरित हुए नितनवल विप्लव पल्लवित हुए, सराही गयी। सुशील दूबे की रचना को श्रोताओं ने काफी सराहा और सोचने को मजबूर हुए। तेरे चुल्लू के पानी को ही मैं ईनार कहता था के रचयिता शिवप्रकाश साहित्य की रचना पर श्रोताओं ने तालियां बजाकर स्वागत किया। डा. पीसी विश्वकर्मा प्रेम जौनपुरी ने कहा तेरे शोहरत के आसमां पर ठहरता नहीं कोई कितने ही आफताब उगे और ढल गए।
आलोक द्विवेदी की रचना- यदि नई संभावना को बल मिला होता, समय पर सत्कर्म को शुभ फल मिला होता। श्रीमती शकुंतला शुक्ला ने कहा कि जिसकी लगेगी बड़ी बोली उसी की बेटी चढ़ेगी डोली श्रोताओं द्वारा सराही गयी। सह संयोजक आदर्श कुमार, प्रवीण कुमार सिंह ने लोगों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
संयोजक सतीश चन्द्र शुक्ल सत्पथी ने आयोजन - के निमित्त किए गए प्रयास और आज के अधिकारियों से मिलने, समय लेने, सम्मानित करने का आग्रह करने के बाद भी बड़े बेमन से स्वीकृति प्रदान किए जाने की पीड़ा मंच से साक्षा करते हुए विगत चालीस वर्षों के आयोजन संबंधी आम जनता व व्यापारियों से मिले सहयोग पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम कराने वाले कालान्तर में विलुप्त हो जायेंगे जिस तरह की प्रवृत्ति आने वाली पीढ़ियों में पनप रहा है।
इस कार्यक्रम में प्राचार्य टीडी कालेज डा0 समर बहादुर सिंह, डा. (कैप्टन) अखिलेश्वर शुक्ल, पुलिस अधीक्षक नगर डा. संजय कुमार, शहर कोतवाल संजीव कुमार मिश्र, थानाध्यक्ष गौराबादशाहपुर रामप्रवेश कुशवाहा, आजमगढ़ जनपद के न्यायाधीश अनुपम दूवे को सम्मानित किया गया।
समारोह की अध्यक्षता डा. पीसी विश्वकर्मा ने किया अपने संबोधन में कैप्टन डा. अखिलेश्वर शुक्ल ने "ग्राम्या" परिवार से जुड़े लोगों की सराहना करते हुए संयोजक श्री शुक्ला द्वारा कही बात का भी उल्लेख करते हुए स्वीकार किया कि वास्तव में परिवेश में प्रदूषण आता जा रहा है। नकारात्मक सोच को बदलना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। संचालन सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने किया। अंत में आयोजक मंडल के आभार के साथ द समापन की घोषणा की गयी।
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