ग़ज़ल | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
जानेमन जानेजा एक नज़र देख लो
प्यार करती हूं मैं किस कदर देख लो
मेरे आने से पहले था जो ये मकान
बन गया है वो ही अब घर देख लो
मुझसे रूठोगे तो फिर कहां जाओगे
तुम्हारी मुझे है हर एक खबर देख लो
नही जा पाओगे तुम मुझे छोड़ कर
मै लगा दूंगी इश्क का शजर देख लो
हम से लड़ कर आपका है क्या फायदा
फिर न आएगी नींद रात भर देख लो
जुदा हो के भी तुम चैन न पाओगे
है दुआओं में मेरी असर देख लो
खुशनुमा हयात (एडवोकेट/ कवियत्री) बुलंदशहर उत्तर प्रदेश भारत
No comments