हर व्यक्ति के भीतर कमांडो होता है–प्रवीण तेवतिया | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
भायंदर: हर व्यक्ति के भीतर कमांडो होता है। बस जरूरत है ,उसे जगाने की। जिस दिन आपके भीतर का कमांडो जग गया ,आप मानवता के लिए अच्छा काम कर सकते हैं। मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले के 10 आतंकियों को मुंहतोड जवाब देते हुये उनके मंसूबों को नाकाम करने वाले शौर्य चक्र विजेता मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया ने मीरा भायंदर मनपा वार्ताहर संघ द्वारा सम्मान किए जाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उपरोक्त बातें कहीं। मीरा भायंदर महानगरपालिका मुख्यालय स्थित वार्ताहार कक्ष में विधायक गीता जैन, विरोधी पक्ष नेता प्रवीण पाटिल, शिवसेना गट नेता नीलम ढवण तथा कोंग्रेस के गटनेता जुबेर ईमानदार की उपस्थिति में सम्मानित किया गया।ज्ञात हो कि 26/11 का मंजर यह था कि गोलियां सिर के आस-पास से गुजर रही थीं। बायें कान पर गोली लगी। खून बह रहा था और मौत निश्चित नजर आ रही थी। सोचा कि मुकाबला करते हुए शहादत पाना सर्वश्रेष्ठ होगा। दर्द को सहते हुए दुश्मन पर ग्रेनेड फेंक दिया, लेकिन दुर्भाग्य से यह फटा नहीं। यदि यह ग्रेनेड फट जाता, तो आतंकियों पर उसी समय काबू पा लिया गया होता और ऑपरेशन लंबा नहीं खिंचता। आतंकियों ने फायर झोंकना जारी रखा। फायरिंग की आवाज सुनकर बाहर मौजूद फोर्स ने टीयर गैस छोड़नी शुरू कर दी। इसके धुएं से मुझे खांसी आ गई और आतंकियों ने निशाना बना लिया। एक गोली मेरे फेफड़े से होते हुए बाहर निकल गई!
उस दौरान वे किसी तरह चलकर बाहर खड़ी टीम तक पहुंचकर बेहोश हो गये। प्रवीण को चार गोलियां लगी थीं, लेकिन उनके आतंकियों के सामने डटे रहने का फायदा यह हुआ कि आतंकी ताज होटल की पुरानी बिल्डिंग में चले गए और इस भवन में मौजूद डेढ़ सौ से अधिक लोगों तक नहीं पहुंच सके।घायल प्रवीण 3 महीने तक अस्पताल में भर्ती रहे।। प्रवीण तेवतिया की वीरता पर उन्हें 26 जनवरी 2009 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया। जुलाई 2017 में उन्होंने नौसेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए कमांडो ट्रेनिंग स्कूल शुरू किया है, जिसमे पूरे देश के युवक प्रशिक्षण ले रहे हैं। मीरा भायंदर मनपा में रखे वीर जांबाज तत्कालीन मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया के लिए रखे गए सम्मान समारोह के दौरान नेवी कमांडो प्रवीण झा, कर्नल मयंक मेहता, वार्ताहर संघ के संस्थापक अध्यक्ष राजेन्द्र कांबले, अध्यक्ष राजदेव तिवारी, प्रवासी संदेश के संपादक अरुण उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत दुबे, व्यासकुमार रावल, राजू काले, सूरज प्रकाश,अजीम तम्बोली सहित अनेक पत्रकार मौजूद थे।
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