पूर्वांचल में अपनी अलग पहचान के लिए मशहूर है राजा की हवेली | #NayaSaberaNetwork
नया सबेरा नेटवर्क
अब यहां हो रही शाही अंदाज में शादियां
शादी समारोह में हवेली की छंटा देखने को रहते है लोग उत्सुक
जौनपुर। 224 वर्ष पुरानी जौनपुर रियासत की हवेली पूरे पूर्वांचल में अपनी अलग पहचान रखता है। यहीं नहीं आज़ादी के बाद यह देश की राजनीति का भी गढ़ हुआ करता था। इन दिनों यह हवेली एक बार फिर चर्चा में हैं। वजह बना गहना कोठी परिवार। यह परिवार राजा जौनपुर अवनींद्र दत्त दुबे से मिला और हवेली के जीर्णोद्धार की बात रखते हुए इस मैरिज लॉन संचालन के लिए ले लिया। अब राजनीतिक के अखाड़े वाली इस पुरानी इमारत में राजा महाराजाओं के ठाठ-बाट के हिसाब से विवाह कराया जा रहा है। ऐसे में दुधिया रोशनी में नहाकर राजा का भवन (राजमहल) आकर्षक लगने लगा है।
गौरतलब हो कि जोधपुर रियासत की स्थापना तीन नवंबर 1767 को हुई थी। इसके पहले राजा शिवलाल दत्त रहे तो वर्तमान में 12वें राजा के रु प में राजा अवनींद्र दत्त दुबे हैं। कहा जाता है यहां जैसी ऐतिहासिक व नक्काशीदार राजमहल पूर्वांचल में ही शायद कहीं हो।
224 वर्षों पुरानी इस राज हवेली के कुछ हिस्सों का रखरखाव नहीं पा रहा था। इसे देखते हुए कुंवर अवनींद्र दत्त दुबे ने नगर के गहना कोठी के अधिष्ठाता विनीत सेठ को यहां मैरिज लान संचालन के लिए दे दिया। जिसकी मरम्मत होने के बाद अब कुछ इस तरह हो गया है एवं शाही अंदाज में शादियां हो रही हैं। शादी समारोह में सजने के बाद लोग हवेली को देखने व भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग के लिए पहुंच रहे हैं।
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