मल्हनी विधानसभा उपचुनाव 2020 : प्रचार थमा, प्रत्याशियों ने मतदान कराने को झोंकी ताकत | #NayaSaberaNetwork
सै. हसनैन कमर दीपू
जौनपुर। मल्हनी 367 विधानसभा उपचुनाव के लिए रविवार की शाम पाँच बजे चुनावी महासंग्राम का प्रचार थम गया। अब चुनावी युद्ध के अंतिम चरण की शुरुआत हो गयी, इसमें जहां प्रत्याशी के समर्थक और कार्यकर्ता गुरिल्ला (लुका-छिपी) वाले तरीके से मतदाताओं को रिझाने की कोशिश शुरु कर दिये हैं, वहीं वोटरों को घरों से बूथों तक पहुंचाने के लिए ताकत झोंक दिये हैं।
विदित हो कि इस उपचुनाव में कुल 16 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें प्रमुख रुप से निर्दल धनंजय सिंह, सपा प्रत्याशी लकी यादव, भाजपा के मनोज सिंह, कांग्रेस के राकेश मिश्रा और बसपा के जेपी दुबे सक्रियता से मैदान में लगे हैं। इन प्रत्याशियों के कार्यकर्ताओं की फौज ने प्रचार अभियान के अंतिम चरण को लुका-छिपी वाले अंदाज में शुरु कर दिया है।
क्षेत्र में 238 मतदान केंद्रों पर जहां पुलिस बल तैनात हो गया है वहीं इन केंद्रों से जुड़े वोटरों के घरों तक कुछ प्रत्याशियों के समर्थक और कार्यकर्ता अपनी पहुंच बनाये हुए हैं।
इस समय भाजपा और निर्दल धनंजय सिंह की नजर दलित मतदाताओं पर लगी हुई है क्योंकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा से हुए तनाव के बाद अपने मतदाताओं को निर्देश दिया था कि सपा प्रत्याशियों को हराने वाले उम्मीदवारों को ही हमारे मतदाता मजबूत करेंगे। मल्हनी विधानसभा क्षेत्र में जहां भाजपा उम्मीदवार मतदाताओं को अपनी ओर मानकर चल रहे हैं, वहीं निर्दल धनंजय सिंह इन्हीं मतदाताओं के बल पर 2009 में सांसद बने थे, लिहाजा वह उन्हें अपना मानकर चल रहे हैं।
फिर प्रदेश के मुखिया को जिले के प्रतिनिधियों ने गुमराह किया
जौनपुर। 31 अक्टूबर को मल्हनी विधानसभा उपचुनाव के लिए सिकरारा में हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा में आम जन की संख्या कम और सरकारी मशीनरी से जुटाये गये लोगों की भीड़ ज्यादा नजर आयी। आशाबहुएं, सफाईकर्मी, कोटेदार और आंगनबाड़ी वर्कर आदि में काफी लोग अपने विभागों के यूनिफार्म में नजर आये, इन्हें जुटाया था विभाग के अधिकारियों ने। यही भीड़ दिखाकर प्रदेश के मुखिया को इन्हीं नेताओं व मंत्री आदि ने गुमराह किया जो 2019 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी गुमराह किये थे जबकि यही नेता पिछले लोकसभा चुनाव में अपने पार्टी के उम्मीदवार को खुद के विधानसभा क्षेत्रों से वोट तक नहीं दिला पाये थे। इस उपचुनाव में भी यही पार्टी प्रतिनिधि खुद को अग्रणी दिखाने की होड़ में दिखे।
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