विकास पथ पर दृति गति से अग्रसर है जम्मू-कश्मीर | #NayaSaberaNetwork
८३६.६४ करोड़ रुपये स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये आवण्टित
९ लाख पहाड़ी लोगों के लिये आरक्षण लाभ
अजय पाण्डेय
भारत के ७४ वर्षों उपरान्त भी अपने विशेष अनुबन्धों के तहत अलग थलग पड़ा रहा जम्मू कश्मीर। जहां देश के अन्य राज्यों में विकास के कदम पर नए-नए आयामों को स्थापित किया जा रहे थे, वहीं जम्मू-कश्मीर अपनी मूलभूत सुविधाओं से सदैव वंचित रहा है। इसका मुख्य कारक रहा है धारा ३७०, ३५ /ए अनुच्छेद में वर्णित विभिन्न अनुबंध जिसके कारण कई प्रगतिशील योजनाओं से संबंधित कानून लागू नहीं किया जा सका परंतु (५ अगस्त २०१९) को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद ३७० एवं ३५/ को हटाने की घोषणा की गई। उसके पश्चात ही जम्मू-कश्मीर में सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक स्थितियों में दिन-प्रतिदिन यह राज्य उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर है। केंद्र सरकार द्वारा संचार एवं आधारभूत संसाधनों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी लोग कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अब पूरी तरह से जम्मू-कश्मीर की आवाम को मिलना शुरू हो गया और सभी लाभान्वित भी हो रहे हैं। युवाओं को रोजगार अच्छी शिक्षा छात्रवृति और आरक्षण का उचित लाभ भी मिल रहा है। यदि आंकड़ों की मानें तो लगभग २५००० सरकारी नौकरियां देने की योजना में शामिल है और प्रवासी परिवार में लगभग ६००० पद आरक्षित है। वहां के लोगों के लिए अभियांत्रिकी शिक्षा चिकित्सकीय शिक्षा के लिए अच्छे विकल्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वहां पर स्वास्थ्य हेतु नई टेक्नोलॉजी से युक्त उपकरणों से सुसज्जित चिकित्सालय का आधुनिकरण बहुत तेजी से किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा पर्यटक के लिए भी सतत प्रयास जारी है जिससे पर्यटकों को उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया जाए और पर्यटक के शांति व्यवस्था पर सार्थक प्रयास केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर को सदैव से भारत का सिरमौर कहा जाता रहा है। आज देश के केंद्र सरकार द्वारा उसे सच साबित करके एवं संपूर्ण बहुमुखी विकास हेतु सार्थक प्रयास सही मार्ग पर किया जा रहा है। यदि हम आतंकी संगठनों द्वारा आतंकवाद पर एक दृष्टि डालें तो क्रमश: आतंकी गतिविधियां न्यूनतम फ़ीसदी की तरफ जा रही है जिसमें अधिकतर आतंकी संगठनों के खूंखार आतंकी मारे जा चुके हैं। जम्मू-कश्मीर राज्य आज अनुच्छेद ३७०, ३५/ के समाप्त हो जाने से वहां की बहन, बेटियों एवं महिलायें भी लाभान्वित हो हुई हैं। अब भयमुक्त होकर रोजगार एवं शिक्षा के प्रति दृढ़ संकल्पित होकर अग्रिम श्रेणी में हैं। केंद्र सरकार द्वारा रोजगार के अवसरों के सृजन से राज्य के भटके युवाओं का मार्ग प्रशस्त करने कराने का कार्य बहुत ही वृहद रूप से सरकार द्वारा कारित किया जा रहा है जबकि केंद्र सरकार के कुछ महत्वपूर्ण कार्य का विवरण निम्न उल्लेखित है:- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत ४०० करोड़ रोड निर्माण का कार्य जो भारत के किसी भी दूसरे राज्यों में किए गए कार्यों से अधिक है। जम्मू-कश्मीर में राजमार्ग के निर्माण के लिए १६९१ करोड़ की अतिरिक्त मंजूरी दे दी गई है। सामयिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पुनेजा ब्रिज का निर्माण एवं उद्घाटन। नर्सिंग विद्यालयों को आज नर्सिंग कॉलेजों के रूप में परिवर्तित किया गया है। ६ पुलों द्वारा देश के राज्य से जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती की सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने हेतु रखी गई आधारशिला। आज भारत ही नहीं वरन, बल्कि संपूर्ण विश्व की दृष्टि जम्मू-कश्मीर पर केंद्रित है जहां आज युवाओं को रोजगार अनपढ़ों को शिक्षा गरीबों को रोजगार मकान, सड़क, संचार की व्यवस्था चिकित्सालय की व्यवस्था शिक्षा की व्यवस्था सभी केंद्र सरकार द्वारा समस्त लाभान्वित लोकहित कल्याणकारी योजनाओं से परिपूर्ण होता दिख रहा है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)
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