जौनपुर। जनपद प्राचीनकाल से एक महान शिक्षा का केन्द्र रहा है। यह महान न्यायविद्शे, विद्वानों, सन्तों का घर रहा है। शिक्षा का शहर और जौनपुर का सम्बन्ध बहुत पुराना है। जौनपुर शाह इब्राहिम शर्की के जमाने में विद्वानों का केन्द्र बन गया था। प्रमुख विद्वानों के खानकाह व शिक्षा संस्थान स्थापित किये गये थे, इसलिये मुगल राजा और औरंगजेब रहमतुल्लाह ने उन्हें शीराज हिन्द का खिताब दिया।
उक्त बातें नगर के मण्डी नसीब खां स्थित अल हिकमा इण्टरनेशनल स्कूल में डा. अब्दुस्सलाम की याद में आयोजित सेमिनार में मंचासीन वक्ताओं ने कही। तत्पश्चात् वक्ताओं ने कहा कि डा. साहब अपने जीवन के माध्यम से जीवन और मानवता की सेवा करने का वीणा उठा रखा था। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिकल कालेज से डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले डा. साहब की विशेषता रही कि उन्हें शोहरत तक ले आयी।
इस अवसर पर मौलाना जयाद्दीन खैराबादी, मौलाना वसीम अहमद शेरवानी, कारी महमूद आलम बलयवी, मुफ्ती अब्दुल रहमान, वामिक शिराजी, तलहा अंसारी, मो. वैश, मो. उमर, फैज अहमद अंसारी, आमिर अंसारी, आरिफ अंसारी, मो. उसमान, सरफराज अहमद, सुहैल अजीज अंसारी, मो. हनीफ अंसारी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना तौफीक कासीमी व संचालन डा. आसिफ नदीम सलाम ने किया।
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